गंदगी के विनाश में ही खुशहाली का आभास

संवाद सहयोगी, हाथरस : गंदगी से ही बदहाली आती है। लक्ष्मी का वास साफ सुथरी जगह पर ही होता है। लक्ष

By Edited By: Publish:Sat, 01 Nov 2014 01:09 AM (IST) Updated:Sat, 01 Nov 2014 01:09 AM (IST)
गंदगी के विनाश में ही खुशहाली का आभास

संवाद सहयोगी, हाथरस : गंदगी से ही बदहाली आती है। लक्ष्मी का वास साफ सुथरी जगह पर ही होता है। लक्ष्मी पूजन के दौरान नई झाडू की पूजा की जाती है। अगर हम गंदगी का नाश करेंगे तभी लक्ष्मी रूपी खुशहाली आपके घर द्वार दस्तक देंगी। इसीलिए मोदी मंत्र स्वच्छता के सूत्र को अपनाकर हमें इस दरिद्रता का नाश करना ही होगा।

जब हम मेक इन इंडिया की बात कर रहे हैं। स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। भारत को स्वस्थ बनाने के नारे दे रहे हैं। ऐसे में हमें अपने अंदर की दरिद्रता का नाश करने का संकल्प लेना ही होगा। इसके लिए सबसे पहले अपने आसपास की गंदगी का नाश करना होगा। गंदगी हमारे अंदर से आती है। पहले शरीर को फिर घर को तथा बाद में समाज की गंदगी को साफ करने की पहल करनी होगी। अगर हम ऐसा कर पाए तो निश्चित तौर पर स्वच्छता के नारे को साकार कर सकेंगे। अगर स्वच्छता पर विजय पा ली तो बीमारियां भी स्वयं भाग जायेंगी। वायरसजनित तमाम बीमारियां जड़ से खत्म हो जाएंगी।

मन में करो संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को लेकर जो अभियान चलाया है। उसपर अमलीजामा पहनाने के लिए हमें आज ही संकल्प लेना होगा। अपने घर, स्कूल, पंचायत भवन के साथ गली मुहल्लों की सफाई के लिए भी जागरूक होना होगा। अगर हमने ऐसा करने का मन में संकल्प कर लिया तो बीमारियों पर विजय निश्चित है।

-कुंवर कन्हैया सिंह तोमर, समाजसेवी।

लगता रहे स्वच्छता का नारा

स्वच्छता का अलख जगाने के लिए रैलियों की आवश्यकता है। हमें अपने आसपास व घरों की सफाई में नियमित रूप से ध्यान देना होगा। गंदगी को उठाने या उठवाने के लिए लगातार प्रयासरत रहना चाहिए। चिकित्सकों को अपने पर्चे पर स्वच्छता का नारा लिखना चाहिए।

टिप्स:-

-अपने आसपास गंदगी जमा न होने दें।

-जमा हुए पानी में मच्छर पैदा न होने दें।

-नाली में पॉलीथिन व कूड़ा न डालें।

-हमेशा साबुन से ही हाथ धोकर खाना खाएं।

-डा.यशोदा नंदन गुप्ता, फिजीशियन।

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