पशु सखी बनकर आगे बढ़ी सहेली

-मेहनत और लगन से पेश की सफलता की मिसाल -खुद आगे बढ़ी और दूसरों को भी दिखाया रास्ता

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Oct 2020 11:03 PM (IST) Updated:Sun, 18 Oct 2020 11:03 PM (IST)
पशु सखी बनकर आगे बढ़ी सहेली
पशु सखी बनकर आगे बढ़ी सहेली

हरदोई: मेहनत और लगन से वीरान जिदगी में खुशियां लाईं जा सकती हैं। सहेली देवी ने ऐसी ही मिसाल कायम की है। पशु सखी बनकर आगे बढ़ी सहेली ने न केवल खुद तरक्की पाई बल्कि दूसरों को भी रास्ता दिखा रही हैं। अहिरोरी विकास खंड के बल्लीपुर निवासी सहेली देवी को मिशन शक्ति अभियान में सम्मानित भी किया गया है।

सहेली देवी के पति कृष्णमुरारी मेहनत मजदूरी कर परिवार पालते थे। परिवार में गरीबी थी, वह बताती हैं कि कभी कभार तो खाने के लिए अनाज तक नहीं होता था। दो बेटी और एक बेटी की मां सहेली देवी बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान रहती थी। गांवों में गठित होने वाले स्वयं सहायता समूह के बारे में वह ग्राम संगठन की अध्यक्ष चमनलता से मिली। जिसके बाद उसने समूह से जुड़ने की ठानी और जुलाई 2017 में समूह से जु़ड़ गईं। उसकी लगन को देखते हुए उसे समूह का सचिव बना दिया गया। वर्ष 2018 में महिला किसान शक्तीकरण परियोजना में पशु सखी का काम शुरू किया और आगे बढ़ती गई। 19 स्वयं सहायता समूहों में करीब 198 परिवारों के पशुओं का समय से टीकाकरण, पशु बीमा, हर तीसरे माह पेट में कीड़े मारने वाली दवा खिलवाने का काम करने के साथ ही सरकारी विभाग के सहयोग से समूहों को लाभ दिलवाने, अच्छी नस्ल के जानवर खरीदवाने में सहयोग करने लगी। इसके बदले उसे 3500 रुपये मिलते। जिनसे उसने अपने परिवार का पालन पोषण शुरू किया। धीरे धीरे सहेली आगे बढ़ी। समूह के सहयोग से 20 हजार रुपये कर्ज लेकर एक भैंस खरीदी, उसका दूध बेचकर आमदनी बढ़ाई फिर भैंस बढ़ाने के साथ ही बकरी पालन भी शुरू कर दिया। धीरे-धीरे सहेली देवी का परिवार खुशहाल हो गया। अब उसने पति को रेडीमेड कपड़ों की दुकान खुलवा दी है। बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, पति दुकान चलाते, सहेली देवी, पशु सखी के रूप में काम कर रही हैं। ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त विपिन चौधरी बताते हैं कि सहेली देवी दूसरी महिलाओं के लिए नजीर हैं। उन्हें कई सम्मान भी मिल चुके हैं।

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