सामूहिक विवाह कार्यक्रम में एक-दूसरे के हुए 56 जोड़े

बैंडबाजों की धुनों पर नाचते-गाते बराती। मंडप के नीचे विवाह वेदी पर मंत्रोच्चारण के बीच एक साथ अग्नि के सात फेरे लेते वर-वधु। तो कारी द्वारा निकाह कबूल कराया गया। बिटिया की विदाई हुई तो परिजनों की नम हुईं आंखें। यह माहौल नगर स्थित खंड विकास परिस

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 08:12 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jan 2019 08:12 PM (IST)
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में एक-दूसरे के हुए 56 जोड़े
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में एक-दूसरे के हुए 56 जोड़े

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर

बैंडबाजों की धुनों पर नाचते-गाते आए बराती। मंडप के नीचे विवाह वेदी पर मंत्रोच्चारण के बीच वर-वधुओं ने अग्नि के सात फेरे लिए और कारी ने कराया निकाह। बिटिया की विदाई हुई तो परिजन की आंखें नम हो गईं। खंड विकास कार्यालय परिसर में शुक्रवार को सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जिलाधिकारी अदिति ¨सह और मुख्य विकास अधिकारी दीपा रंजन ने रुचि लेते हुए अधिक से अधिक जोड़ों का विवाह कराने के निर्देश दिए थे। इस योजना में गढ़ विकास खंड में कुल 56 लोगों का पंजीकरण कराया गया। पंजीकरण के सापेक्ष सभी जोड़ों ने शुक्रवार को आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में एक दूसरे के हो गए। इनमें 51 ¨हदू जोड़े और पांच मुस्लिम समुदाय के जोड़े शामिल हैं।

सामूहिक विवाह कार्यक्रम में वर एवं वधू पक्ष के लोगों को तैयारी के लिए अलग-अलग स्थान उपलब्ध कराए गए थे। अलग-अलग क्षेत्रों से वर व वधू के साथ आई महिलाओं ने मांगलिक माहौल बनाने में अपनी खूब भागीदारी निभाई। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कोई कमी नहीं रहने देने के प्रति खंड विकास अधिकारी ज्योति बाला काफी सतर्क दिखी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में जिन 56 जोड़ों ने शादी रचाई, उन्हें भ्रूण हत्या नहीं करने और स्वच्छता के प्रति शपथ दिलाकर एक-एक पौधा दिया गया। उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। इसी क्रम में भाजपा विधायक डा. कमल मलिक, डा. हरेंद्र ¨सह, मेजर भीष्म त्यागी, गुलजार प्रधान, चरण ¨सह राणा की उपस्थिति में नवविवाहित जोड़ों को पांच-पांच बर्तनों का एक-एक सेट वितरित किया। खंड विकास अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत प्रत्येक जोड़े पर 35 हजार रुपये खर्च किए गए। इसमें से 20 हजार रुपये कन्या के खाते में जमा कराए गए। दस हजार रुपये मूल्य की सामग्री तथा पांच हजार रुपये व्यवस्था पर खर्च किए गए।

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