हाथी पर सवार हुए पूर्व मंत्री मदन चौहान, गढ़ से मिला टिकट

वेस्‍ट यूपी में बसपा की नजर ठाकुर वोट बैंक पर है। यही वजह है कि गढ़मुक्‍तेश्‍वर सीट से बसपा ने घोषित उम्मीदवार का टिकट काटकर सपा छोड़कर आए पूर्व मंत्री मदन चौहान को टिकट देकर उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

By Shubham GoelEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 10:37 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 10:37 PM (IST)
हाथी पर सवार हुए पूर्व मंत्री मदन चौहान, गढ़ से मिला टिकट
बसपा ने हाजी आरिफ का टिकट काटा , तीन बार विधायक रह चुके हैं मदन चौहान

गढ़मुक्तेश्वर [शुभम गोयल]। वेस्‍ट यूपी में बसपा की नजर ठाकुर वोट बैंक पर है। यही वजह है कि गढ़मुक्‍तेश्‍वर सीट से बसपा ने घोषित उम्मीदवार का टिकट काटकर सपा छोड़कर आए पूर्व मंत्री मदन चौहान को टिकट देकर उम्मीदवार घोषित कर दिया है। उन्‍हें उम्मीदवार बनाए जाने पर समर्थक सहित बसपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।

बता दें कि राम मंदिर लहर के दौरान गढ़ विधानसभा सीट बीजेपी की टाप टेन सीटों में शामिल थी। यह सीट किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के जनाधार वाली सीट थी, लेकिन सपा प्रत्याशी के तौर पर मदन चौहान ने वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के रामनरेश रावत को पराजित कर राजनीतिक पंड़ितों को चौंका दिया था। उस दौरान उन्हें 43,808 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को महज 36,364 मत हासिल हुए थे। वर्ष 2007 के चुनावों में भी भाजपा के राम नरेश रावत को फिर से दूसरी बार हराकर विधायक बने। वर्ष 2012 में बसपा प्रत्याशी हाजी शब्बन को हराकर जीत की हैट्रिक लगाई।

उसके बाद इन्हें स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया। जबकि, वर्ष 2017 के चुनाव में इन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। इस बार सपा- रालोद गठबंधन ने उन पर भरोसा न करते हुए टिकट काट दिया। जिसके बाद मदन चौहान ने सपा का दामन छोड़ कर हाथी के महावत बनते हुए बुधवार को बसपा में शामिल हो गए। जिसके बाद पार्टी ने घोषित किए गए उम्मीदवार हाजी आरिफ का टिकट काट कर पूर्व मंत्री मदन चौहान को उम्मीदवार बनाया है। 

मूलरूप से मेरठ जिले के सरधना क्षेत्र से जुड़े गांव मदारपुर के रहने वाले मदन चौहान (59) का नाम नोएडा के अच्छे कारोबारियों में शुमार था। उन्होंने राजनीतिक सफर की शुरुआत एनडी तिवारी के साथ कांग्रेस से की थी। पूर्व सीएम एनडी तिवारी के कांग्रेस से अलग होने पर वह भी उनके साथ चले गए थे।

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