.. तो क्या भुगतान पर हस्ताक्षर करते बंद हो गईं थीं आंखे?

संजीव वर्मा पिलखुवा बिना सड़क बने लगभग 25 लाख के भुगतान के मामले में निर्माण विभाग के लिपिक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Dec 2020 06:33 PM (IST) Updated:Fri, 11 Dec 2020 06:33 PM (IST)
.. तो क्या भुगतान पर हस्ताक्षर करते बंद हो गईं थीं आंखे?
.. तो क्या भुगतान पर हस्ताक्षर करते बंद हो गईं थीं आंखे?

संजीव वर्मा, पिलखुवा:

बिना सड़क बने लगभग 25 लाख के भुगतान के मामले में निर्माण विभाग के लिपिक पर गाज गिर चुकी है। पालिकाध्यक्ष गीता गोयल ने लिपिक जितेंद्र कुमार को इस मामले सहित अन्य विभिन्न अनिमितताओं के चलते बर्खास्त कर दिया है, लेकिन भ्रष्टाचार के तालाब में शामिल उन बड़े मगरमच्छ पर कब कार्रवाई होगी? जिनके हस्ताक्षर से रुपयों का लेनदेन होता है। भुगतान चेक पर हस्ताक्षर करते समय क्या उनकी आंख बंद हो गईं थीं? शहरवासियों की मांग है कि मामले की जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा जांच हो और लाखों के इस खेल में शामिल लोगों को उनके किए की सजा मिले।

नगर पालिका परिषद पिलखुवा के कर्मियों पर वैसे तो छोटे-बड़े आरोप हमेशा लगते रहे हैं, लेकिन पिछले दिनों उजागर हुए एक भ्रष्टाचार मामले ने पालिका को बदनाम कर दिया है। सद्दीकपुरा कालोनी में प्रस्तावित सड़क के बिना बने ही ठेकेदार को निर्माण पूरा दिखाते हुए 25 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। निर्माण विभाग से लेकर उन अधिकारियों तक आंखे बंद रहीं जिन पर पालिका की मुख्य रूप से जिम्मेदारी है। इन जिम्मेदारों में से एक को जिम्मेदारी सरकार और दूसरे को जनता ने सौंपी है। इन दोनों जिम्मेदारों ने इतनी मोटी रकम का चेक बिना किसी निरीक्षण के जारी कर दिया, यह बात हैंडलूम नगरीवासियों के गले नहीं उतर रही है। शहर की जनता जिला स्तरीय अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रही है।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार---

मामले में निर्माण विभाग के लिपिक जितेंद्र कुमार बर्खास्त कर दिया है। चेक पर हस्ताक्षर लाकडाउन के दौरान कराए गए थे। पालिका कर्मियों की संस्तुति के बाद ही चेक पर हस्ताक्षर किए गए थे।

-- गीता गोयल, पालिकाध्यक्ष - पिछले दिनों से घरेलू कामकाज के चलते अवकाश चल रहा है। मामला संज्ञान में आया है। ड्यूटी पर जाने के बाद पालिका की फाइलों को अवलोकन कराया जाएगा और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-- विकास कुमार, अधिशासी अधिकारी

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ठेकेदार से होगी रिकवरी

- पालिकाध्यक्ष गीता गोयल का कहना है कि मामले की जांच कराने और ठेकेदार से ब्याज सहित रिकवरी के लिए पालिका के अधिशासी अधिकारी को पत्र लिखा जा चुका है। रिकवरी के साथ ही ठेकेदार और उसकी फर्म को ब्लैकलिस्ट घोषित किया जाएगा। मामले में ठेकेदार भी पूरी तरह दोषी है।

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