उधार की बिजली से रोशन हो रहे शिक्षा के सरकारी मंदिर

ऊर्जा निगम इन दिनों अपनों के कहर से ही कराह रहा है। बिजली के बकाया बिलों का भुगतान करने में शिक्षा विभाग फिसड्डी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि गढ़ डिवीजन में आने वाले सरकारी स्कूल उधार की बिजली से रोशन हो रहे हैं। उन पर विभाग का तीन करोड़ 66 लाख 17 हजार रुपये बकाया है। जबकि सबसे कम वन विभाग पर 44 हजार रुपये बकाया है। यह जानकारी सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली है। जिसने चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Dec 2018 06:22 PM (IST) Updated:Thu, 06 Dec 2018 06:22 PM (IST)
उधार की बिजली से रोशन हो रहे शिक्षा के सरकारी मंदिर
उधार की बिजली से रोशन हो रहे शिक्षा के सरकारी मंदिर

गौरव भारद्वाज, गढ़मुक्तेश्वर

ऊर्जा निगम इन दिनों अपनों के कहर से ही कराह रहा है। बिजली के बकाया बिलों का भुगतान करने में शिक्षा विभाग फिसड्डी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि गढ़ डिवीजन में आने वाले सरकारी स्कूल उधार की बिजली से रोशन हो रहे हैं। उन पर विभाग का तीन करोड़ 66 लाख 17 हजार रुपये बकाया है। जबकि सबसे कम वन विभाग पर 44 हजार रुपये बकाया है। यह जानकारी सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली है। जिसने चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं।

ऊर्जा निगम के अधिकारियों पर शासन से लेकर एमडी स्तर तक बकाया वसूली के लिए दबाव बनाए हुए हैं। अफसरों का चाबुक आम आदमी पर चल रहा है। महज 10 हजार रुपये का बकाया बिल न चुकाने पर विद्युत कनेक्शन काटने पहुंच जाते हैं। उपभोक्ता को दोबारा कनेक्शन जुड़वाने में मशक्कत का सामना करना पड़ता है। विभाग की यह सख्ती सरकारी कार्यालयों और विद्यालयों के खिलाफ दिखाई नहीं देती। सूचना का अधिकार कानून के तहत ऊर्जा निगम से मांगी गई जानकारी से पता चला कि गढ़ डिवीजन क्षेत्र में आने वाले सरकारी दफ्तर और विद्यालयों पर 30 सितंबर तक विभाग का 5 करोड़ 54 लाख 47 हजार रुपये बकाया है। इसमें सबसे ज्यादा बेसिक, माध्यिमक और उच्च शिक्षा के स्कूल एवं विद्यालयों पर तीन करोड़ 66 लाख 17 हजार रुपये बकाया है। सरकारी दफ्तरों में गढ़ डिवीजन का दूसरा सबसे बड़ा बकाएदार स्वास्थ्य विभाग है। उस पर एक करोड़ 29 लाख 32 हजार रुपये बकाया हैं। अधिशासी अभियंता राकेश कुमार का कहना है कि सभी सरकारी दफ्तर और शिक्षा विभाग के अफसरों को पत्र जारी करके जल्द भुगतान कराने के लिए कहा है। यदि जल्द बकाया भुगतान नहीं हुआ तो उच्चाधिकारियों के आदेश पर कार्रवाई की जाएगी। किस पर कितना बकाया

विभाग का नाम बकाया(रुपये में)

ग्राम्य विकास 23.17 लाख

सहकारिता समिति 10.96 लाख

गन्ना विभाग 2.10 लाख

पुलिस 1.82 लाख

स्वास्थ्य 129.32 लाख

नगर पालिका 6.81 लाख

राजस्व 7.03 लाख

लोक निर्माण 1.22 लाख

वन विभाग 44 हजार

बेसिक शिक्षा 239.32 लाख

माध्यमिक शिक्षा 123.85 लाख

उच्च शिक्षा 3.14 लाख

¨सचाई 2.36 लाख

मंडी समिति 2.94 लाख नोट- यह बकाया 30 सितंबर तक है। किसी भी विभाग ने इसके बाद कोई धनराशि जमा नहीं की है।

chat bot
आपका साथी