पंचायत चुनाव: मदद के लिए तैयार हैं पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशी

जागरण संवाददाता हापुड़ ग्रामों में आजकल इंसानियत का जज्बा जग रहा है अगर किसी ग्रामीण को

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 06:54 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 06:54 PM (IST)
पंचायत चुनाव: मदद के लिए तैयार हैं पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशी
पंचायत चुनाव: मदद के लिए तैयार हैं पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशी

जागरण संवाददाता, हापुड़

ग्रामों में आजकल इंसानियत का जज्बा जग रहा है अगर किसी ग्रामीण को कुछ भी समस्या आती है तो तुरंत मददगार वहां पहुंच रहे हैं और बिना देरी किए समस्या का समाधान कर रहे हैं। यह मददगार और कोई नहीं बल्कि पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशी हैं, जो मतदाताओं को अपने पक्ष की और करने में जुटे हैं। हालांकि अभी चुनाव का कार्यक्रम जारी नहीं हुआ, लेकिन संभावित प्रत्याशी दिन रात ग्रामीणों की सेवा करने में जुटे हैं।

कोरोना महामारी के कारण पंचायत चुनाव की तैयारी देरी से शुरू हुई है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी कर दिया है, जिसक लेकर अफसर और कर्मचारी तैयारी में जुट गए हैं। दिसंबर माह में जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी सदस्य और ग्राम प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो सकता है। पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी शुरू होने के साथ ही गांव गांव में विभिन्न पदों पर खड़े होने वाले संभावित प्रत्याशी भी तैयारी में जुट गए हैं। जिन परिवारों से पिछले कुछ वर्षों में अगर कुछ छोटा मोटा विवाद भी हुआ उसे भी दूर करने के प्रयास में लगे हैं ताकि गांव में कोई उनसे नाराज न रहे।

गांवों में आजकल स्थिति यह हो गई है कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य, किसी अन्य काम में अगर कोई दिक्कत आती है तो उसे तुरंत पूरा किया जा रहा है। मतदाता भी समझ हैं कि चुनाव आने वाला है, इस कारण उनकी पूछ बढ़ गई है और संभावित प्रत्याशी डोरे डालने में जुटे गए हैं। वहीं मौजूदा ग्राम प्रधान भी पीछे नहीं हैं वह संभावित प्रत्याशियों और उनके समर्थकों पर पैनी निगाह रखे हुए हैं। अप्रैल माह में तो यह हाल था कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गांवों में संभावित प्रत्याशियों ने भी जमकर सैनिटाइजेशन कराया था। उन्हें मालूम था कि चुनाव तो होना ही है भले ही देरी से क्यों न हो।

ग्रामीण सुमित कुमार, नितिन सिंह, सुमेर सिंह ने बताया कि गांव में अगर किसी ग्रामीण को किसी भी तरह की दिक्कत होती है तो मददगार तुरंत पहुंच रहे हैं, लेकिन यह पब्लिक है सब जानती है।

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