अवैध कॉलोनियों की होगी जियो टैगिग, गूगल से निगरानी

जागरण संवाददाता हापुड़ शहर की बढ़ती हुई आबादी को बसाने के साथ ही उनकी जरूरत को

By JagranEdited By: Publish:Sun, 30 Aug 2020 08:35 PM (IST) Updated:Sun, 30 Aug 2020 08:35 PM (IST)
अवैध कॉलोनियों की होगी जियो टैगिग, गूगल से निगरानी
अवैध कॉलोनियों की होगी जियो टैगिग, गूगल से निगरानी

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

शहर की बढ़ती हुई आबादी को बसाने के साथ ही उनकी जरूरत को पूरा करने के लिए प्राधिकरण मास्टर प्लान तैयार करता है, लेकिन इस मास्टर प्लान के अनुरूप 50 फीसद काम भी हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण में नहीं हुआ है। जिलेभर में अवैध कॉलोनियों का जाल धीरे-धीरे फैल चुका है, लेकिन इन कॉलोनियों का फैलाव रोकने के लिए तकनीक का सहारा लिया जाएगा। अब अवैध कॉलोनियों की जियो टैगिग की जाएगी, जिसकी निगरानी गूगल के द्वारा की जाएगी।

हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण क्षेत्र में एनसीआर प्लानिग बोर्ड द्वारा नामित संस्था के माध्यम से नया मास्टर प्लान 2031 तैयार कर रहा है। इस मास्टर प्लान में शहर की सभी अवैध कॉलोनियों की जियो टैगिग की जाएगी। जियो टैगिग होने से गूगल मैप के जरिए यहां होने वाले अवैध निर्माण की निगरानी करने के साथ ही उन्हें रोकने का काम भी आसानी से हो सकेगा। वहीं, अधिकारियों को गुमराह करने वाले इंजीनियरों की भी पोल खुल जाएगी। प्राधिकरण के दस्तावेजों के आधार पर अधिकारी सैटेलाइट इमेज से महायोजना के लिए बेस मैप तैयार कर रहे हैं। यह पहला मौका है, जब बेस मैप बनाने के लिए सैटेलाइट इमेज का प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए अगले माह लखनऊ से टीम आने की संभावना है। जिसके बाद महायोजना-2031 का प्लान तैयार किया जाएगा। ------ क्या है जियो टैगिग -

सैटेलाइट इमेज से किसी भी क्षेत्र में हो रही गतिविधियों की जानकारी जियो टैगिग के थ्रू हासिल की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की सभी आवासीय, गैर आवासीय क्षेत्रों को गूगल अर्थ के साथ करके जियो टैग किया जाएगा। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद कार्यालय में बैठकर अधिकारी संबंधित क्षेत्र में हो रही अवैध गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे। गूगल अर्थ के साथ कनेक्ट होने के कारण गूगल मैप से 5 गुना तक क्लियर पिक्चर कंप्यूटर पर देखी जा सकती है। -------- मास्टर प्लान 2031 को तैयार करने वाली संस्था को अवैध कॉलोनियों की जियो टैगिग का काम सौंपा गया है। अगले माह सितंबर के मध्य में टीम के हापुड़ आने की संभावना है। - अर्चना वर्मा, उपाध्यक्ष, हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण

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