टेक्सटाइल उद्योग में यूपी के हुनरमंदों ने चीन को पछाड़ा, पूरे देश में है थ्रीडी बेडशीट की डिमांड

हापुड़ की हैंडलूम नगरी पिलखुवा के हुनरमंदों ने थ्रीडी चादर निर्मित करने की ठानी और इसी का परिणाम रहा कि कुछ सालों में पिलखुवा निर्मित थ्रीडी चादर मार्केट में छा गईं। हरियाणा राज्य के पानीपत के बाद पिलखुवा ही मात्र ऐसा शहर है जिसमें थ्रीडी चादर निर्मित हो रही हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 26 Dec 2021 03:48 PM (IST) Updated:Sun, 26 Dec 2021 03:48 PM (IST)
टेक्सटाइल उद्योग में यूपी के हुनरमंदों ने चीन को पछाड़ा, पूरे देश में है थ्रीडी बेडशीट की डिमांड
पिलखुवा में बनने लगी थ्रीडी चादर, चारों ओर धूम

पिलखुवा, (हापुड़) [संजीव वर्मा]। एक जमाना था जब चीन निर्मित थ्रीडी चादर को हिंदुस्तानी इस्तेमाल किया करता था। सस्ती होने के कारण थ्रीडी चादर की डिमांड काफी थी। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ की हैंडलूम नगरी पिलखुवा के हुनरमंदों ने थ्रीडी चादर निर्मित करने की ठानी और इसी का परिणाम रहा कि कुछ सालों में पिलखुवा निर्मित थ्रीडी चादर मार्केट में छा गईं। हरियाणा राज्य के पानीपत के बाद पिलखुवा ही मात्र ऐसा शहर है जिसमें थ्रीडी चादर निर्मित हो रही हैं।

पिलखुवा नगरी बेडशीट एवं तिरपाल निर्मित करने में रूप में विश्व विख्यात है। क्षेत्र में लगभग एक से डेढ़ हजार बेडशीट निर्मित करने वाले कारखाने हैं। दशकों से पिलखुवा में निर्मित चादरों को देशभर के अलग-अलग कोने के अलावा विदेशों में भी भेजा जाता है। बेहतर डिजाइन, प्रीटिग और अच्छे कपड़े के लिए यहां की चादरों की मांग अधिक रहती है। इसलिए लोगों की पहली पसंद पिलखुवा की चादरे होतीं हैं।

हालांकि, पिलखुवा के व्यापारी विदेशी ग्राहकों के सीधे संपर्क में नहीं हैं। एजेंटों के जरिए देश और विदेश में चादरों को भेजा जाता है।वर्षों से एक्सपोर्ट हाउस की मांग चली रही है। उद्यमियों का मानना है कि एक्सपोर्ट हाउस स्थापित हाने के बाद वह सीधे बाहरी ग्राहकों से संपर्क करेंगे। बाहरी ग्राहकों को एक्सपोर्ट हाउस में आवागमन होगा और नये-नये डिजाइनों से पिलखुवा के हुनरमंद रूबरू होंगे।

टेक्सटाइल सेंटर में स्थापित हुआ कारखाना

हैंडलूम नगरी में थ्रीडी चादर करने का कारखाना हापुड़- पिलखुवा विकास प्राधिकरण की तरफ से स्थापित की टेक्सटाइल सिटी में हैं। कारखाना स्वामी अशोक सिंघल ने बताया कि उत्तर-प्रदेश में थ्रीडी चादर तैयार करने वाला यह पहला कारखाना है। यह कारखाना लगभग डेढ़ साल पहले स्थापित किया गया था, लेकिन लाकडाउन के चलते उत्पादन शुरू नहीं हो सका था।अब उत्पादन तेजी से हो रहा है। कारखाना स्वामी का है कि चीन निर्मित डबल बेड की चादर मार्केट में 125 रुपये की है। जबकि उससे बेहतर क्वालिटी और नए डिजाइन के साथ स्वदेशी थ्रीडी चादर 95 से 100 रुपये की हैं।

मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

चादर की दुनिया में नया आयाम लाने के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारखाना स्वामी को एक जनपद एक उत्पाद योजना के अंतर्गत जनसभा के दौरान सम्मानित भी किया था।

चीन से बेहतर है स्वदेशी

थ्रीडी चादर कारखाना के मालिक अशोक सिंघल ने कहा कि चीन निर्मित थ्रीडी चादर के मुकाबले स्वदेशी चादर में बेहतर केमिकल का प्रयोग किया जाता है। इससे शरीर पर एलर्जी की शिकायत नहीं होती है। कारखाने में निर्मित थ्रीडी चादर सस्ती और बेहतर क्वालिटी की तैयार की जा रही है।

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