बावरिया गिरोह से निपटने को जिले की पुलिस तैयार : संकल्प शर्मा

जीवन परिचय: मूलरूप से राजस्थान के जयपुर के निवासी संकल्प शर्मा वर्ष 2012 के आइपीएस है। संकल्प शर्मा ईमानदार छवि के रूप में जाने जाते है। वर्ष 19

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Dec 2018 06:24 PM (IST) Updated:Sun, 09 Dec 2018 06:24 PM (IST)
बावरिया गिरोह से निपटने को जिले की पुलिस तैयार : संकल्प शर्मा
बावरिया गिरोह से निपटने को जिले की पुलिस तैयार : संकल्प शर्मा

जीवन परिचय: मूलरूप से राजस्थान के जयपुर निवासी संकल्प शर्मा वर्ष 2012 के आइपीएस हैं। वह ईमानदार छवि के रूप में जाने जाते हैं। वर्ष 1986 में 11 जुलाई को राजस्थान के जहाजपुर में सीएल शर्मा के घर में उनका जन्म हुआ था। दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई उन्होंने जयपुर स्थित माहेश्वरी पब्लिक स्कूल से की है। जबकि ग्रेजुएट की पढ़ाई उन्होंने उत्तराखंड के रूड़की स्थित आइआइटी से की है। हापुड़ जिले के पुलिस अधीक्षक बनने से पहले संकल्प शर्मा बस्ती, अलीगढ़, मेरठ, फैजाबाद जिले में भी रहे चुके हैं।

कोहरे का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में जिले में बावरिया गिरोह सक्रिय हो जाता है। जबकि सड़क पर हादसे के आकड़ों में भी उछाल आता है। ऐसे में पुलिस द्वारा इस गिरोह की कमर तोड़ने और हादसों पर अंकुश लगाने के लिए जागरण संवाददाता गौरव शर्मा ने पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा से बातचीत की। पेश है उसके प्रमुख अंश.. सवाल: कोहरे का मौसम शुरू हो गया है। बावरिया गिरोह की गतिविधि रोकने के लिए आपकी क्या प्ला¨नग है?

जवाब: इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कोहरे में बावरिया गिरोह की दस्तक शुरू हो जाती है। जिले की पुलिस ने इस गिरोह को रोकने के लिए थाना और सर्किल वार प्लान तैयार किया है। हापुड़ जिले के बार्डर पर रात के समय नियमित चे¨कग शुरू करा दी गई है। इसके अलावा बड़े गांव और कस्बों में भी पैट्रो¨लग और पुलिस को गश्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है। वह स्वयं भी रात के समय चे¨कग की समीक्षा कर रहे हैं। सवाल: कोहरे में सड़क हादसों का ग्राफ भी बढ़ जाता है। ऐसी क्या व्यवस्था की जा रही है कि हादसों पर अंकुश लगाया जा सके?

जवाब: यातायात पुलिस को अतिरिक्त फोर्स उपलब्ध कराया गया है। रात के समय पैट्रो¨लग कराई जा रही है। जिले में स्थित सभी ब्लैक स्पॉट पर संकेतक लगाने का काम शुरू करा दिया गया है। हादसों को रोकने के लिए हम तैयार है। सवाल: आज इंटरनेट का युग है। पुलिस महकमे में अलग-अलग एप तैयार कराए गए हैं। जिले में एप के माध्यम से कितने लोगों की समस्याओं को सुना जा रहा है?

जवाब: आधुनिकता के दौर में पुलिस भी हाईटैक हुई है। एप के इस्तेमाल से सबसे ज्यादा फायदा फरियादियों को हो रहा है। पुलिस का एप अभी बनकर तैयार हुआ है। इसे लागू करने के लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता चल रही है। वहां से एक टीम आकर इस एप के बारे में जानकारी देगी। इसके बाद इस एप को जिले में लागू करते हुए फरियादियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। सवाल: अभी भी थानों पर आने वाले फरियादियों की समस्याओं को सुना नहीं जा रहा, इसलिए जिले की जनता आपके कार्यालय पहुंच रही है। इस व्यवस्था में कितना बदलाव आपके समय से आया है?

जवाब: थाने में मौजूद इंस्पेक्टर और वरिष्ठ उपनिरीक्षक का काम है कि फरियादियों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करें। यदि थाने से समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो सर्किल अफसर और उनसे ऊपर हम बैठे हैं। मेरे पास आने वाली अधिकांश समस्याओं का निस्तारण किया गया है। सवाल: पुलिस लाइन के लिए आपकी ओर से क्या प्रयास कराए जा रहे हैं?

जवाब: प्रदेशभर के सात जिलों में अभी तक पुलिस लाइन नहीं है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी जिन सात जिलों में पुलिस लाइन नहीं है उनके लिए जल्द ही बजट जारी होगा। जिले में पुलिस लाइन के लिए अकड़ौली में स्थान चिह्नित करते हुए उसे सरकार के पास भेजा गया है। उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में लाइन बनकर तैयार हो जाएगी। सवाल: जिले में जाम की समस्या बिगड़ी है। शहर हो या फिर हाईवे वाहनों के दबाव से जाम में फंसकर लोगों का हाल बेहाल है। इस व्यवस्था को कैसे दूर करेंगे?

जवाब: पिलखुवा में एनएचएआइ का निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए वहां जाम लगता है। रहा सवाल शहर का तो जाम में जो वाहन बाधक बन रहे हैं। उनके खिलाफ एक्शन लेने के लिए यातायात पुलिस को निर्देशित कर रहा हूं। जाम नहीं लगने दिया जाएगा।

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