पिछले साल नहीं खरीदी ड्रेस तो इस बार लाभ नहीं

ड्रेस खरीदने के लिए अभिभावकों के खाते में पिछले साल रुपये भेज गए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 May 2022 06:50 PM (IST) Updated:Sun, 15 May 2022 06:50 PM (IST)
पिछले साल नहीं खरीदी ड्रेस तो इस बार लाभ नहीं
पिछले साल नहीं खरीदी ड्रेस तो इस बार लाभ नहीं

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

ड्रेस खरीदने के लिए अभिभावकों के खाते में पिछले साल रुपये भेज गए थे। इस बार भी अभिभावकों के खाते में रुपये भेजे जाने हैं। अगर पिछले साल अभिभावकों ने बच्चों के लिए ड्रेस नहीं खरीदी थी, तो इस बार उन्हें लाभ नहीं मिलेगा। कारण, प्रत्येक नौनिहाल की ड्रेस के साथ पोर्टल पर फोटो अपलोड की जानी है। फोटो अपलोड होने के बाद ही चालू शैक्षिक सत्र में लाभ दिया जाएगा। जिले में लगभग 78 हजार बच्चों की फोटो अपलोड की जाएगी।

परिषदीय विद्यालयों में पिछले बरस नौनिहालों को सीधे ड्रेस न देकर उनको डीबीटी का लाभ दिया गया था। एक नौनिहाल को 1100 रुपये मिले थे। इस पैसे से वह ड्रेस, जूता मोजा और स्कूली बैग खरीद सकते थे। यह पैसा अभिभावकों के खातों में भेजा गया था। अभिभावकों की जिम्मेदारी थी कि वह बच्चे को ड्रेस मुहैया कराए। अब नया शैक्षिक सत्र प्रारंभ हो गया है तो फिर से डीबीटी का लाभ देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस बार डीबीटी का लाभ देने से पहले समीक्षा की जा रही है। उन्हीं बच्चों को लाभ दिया जाएगा, जिनके अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए ड्रेस खरीद थी। प्रत्येक बच्चे की ड्रेस के साथ पोर्टल पर फोटो अपलोड की जाएगी। जब यह फोटो अपलोड हो जाएगी उसके बाद ही उन्हें डीबीटी का लाभ दिया जाएगा। इसको लेकर विभाग ने सभी अभिभावकों से बच्चों की फोटो ड्रेस के साथ मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

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17 हजार बच्चों को नहीं मिल सका था लाभ

बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक पिछले साल लगभग 78 हजार लाख बच्चों को डीबीटी का लाभ देने के लिए लक्ष्य तय किया गया था। जिसमें 61 हजार बच्चों को इसका लाभ दे दिया गया है। करीब 17 हजार बच्चे ऐसे बचे थे जो लाभ से वंचित हो गए थे। इन बच्चों के आधारकार्ड बैंक खाते से लिक नहीं थे तो किसी का आधारकार्ड नंबर गलत था। इससे इनको पिछले साल का लाभ नहीं मिल सका है।

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शुरू हो गई है तैयारी

डीबीटी को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। ड्रेस पहने फोटो के साथ बच्चे की फोटो अपलोड की जाएगी। पिछले साल ड्रेस न खरीदने वाले अभिभावकों को इस बार लाभ नहीं दिया जाएगा।

- अर्चना गुप्ता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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