तापमान का बदलाव बन रहा काल, मौतों का सिलसिला जारी

मौसम का बदलाव लोगों पर कहर बनकर टूट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 11:42 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 06:09 AM (IST)
तापमान का बदलाव बन रहा काल, मौतों का सिलसिला जारी
तापमान का बदलाव बन रहा काल, मौतों का सिलसिला जारी

जागरण संवाददाता, महोबा : मौसम का बदलाव लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है। रात के समय सर्दी का एहसास और दिन में गर्मी होने से लोग सर्दी खांसी सहित तेज बुखार आदि संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मरीजों से जिला अस्पताल के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व निजी अस्पताल पटे पड़े हैं। रविवार को भी जिला अस्पताल में तेज बुखार से पीड़ित एक वृद्ध की मौत हो गई। उसके पहले भी कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं जबकि दर्जनों की संख्या में लोग भर्ती हैं। रविवार की बात करें तो सुबह लोगों को सर्दी का एहसास हुआ हालांकि सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए लेकिन गर्मी रही। देर शाम फिर सर्दी का एहसास हुआ। मुख्यालय के गांधीनगर निवासी 70 वर्षीय वृद्ध को जिला अस्पताल लाया गया। उसकी घर पर अचानक हालत बिगड़ने लगी थी। अस्पताल आने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार के लोगों के अनुसार वह कई दिनों से बीमार थे। बीते 6 माह में अब तक 71 लोगों की विभिन्न तरह की संक्रामक बीमारियों से मौतें हो चुकी हैं। इनमें 14 बच्चे भी शामिल हैं। प्रतिदिन जिला अस्पताल में 1000 से 1200 मरीज पहुंच रहे हैं जिनमें सर्वाधिक वायरल बुखार के मरीज हैं। अभी तक डेंगू के तीन मरीज पाए जा चुके हैं। एक युवक की मौत भी हो चुकी हैं। सीएमएस डॉक्टर आरपी मिश्रा के मुताबिक मौसम के बदलाव के कारण मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। -----------

क्या हो रही बीमारियां

महोबा : दिन रात के तापमान में उतार चढ़ाव की वहज से इस समय सर्दी, जुकाम, वायल फीवर, मलेरिया, खांसी, तेज बुखार के अधिकांश मरीज आ रहे हैं। कुपोषण के चलते जिनमें प्रतिरोधक क्षमता की कमी है वे वायरस वैक्टीरिया का हमला बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। मरने वालों में 60 वर्ष से ऊपर आयु के वृद्धों की संख्या अधिक है।

लोगों को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। गांवों में जलभराव के स्थान पर एंटी लारवा दवा के छिड़काव के साथ शहरी क्षेत्रों में फागिग भी कराई जा रही है। भोजन के प्रति लापरवाही से तमाम लोगों में प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो जाती है जिससे वे संक्रामक बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। विभाग पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है।

- डॉ. सुमन, सीएमओ

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