जर्जर भवन में रहने को विवश एंबुलेंस की टीमें

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले गंभीर लोगों व मरीजों को

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Jul 2018 11:16 PM (IST) Updated:Sun, 08 Jul 2018 11:16 PM (IST)
जर्जर भवन में रहने को विवश एंबुलेंस की टीमें
जर्जर भवन में रहने को विवश एंबुलेंस की टीमें

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले गंभीर लोगों व मरीजों को ढोने वाले एंबुलेंस की टीम को ही जर्जर भवन में रहने के लिए विवश होना पड़ रहा है। टीम को रहने के लिए कोई उचित ठिकाना नहीं है। वहीं एंबुलेंस गाड़ियों को भी कूड़े के ढेर मे जगह न होने के कारण खड़ा कर दिया जाता है। कई बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का हल नहीं हो पा रहा है।

जिला अस्पताल के पास ही 108 व 102 एंबुलेंस की टीमें निवास करती है। लेकिन जिस स्थान पर टीमें रहती हैं वह भ?वन बहुत ही जर्जर है। किसी भी समय इसकी छत गिर सकती है और एक बड़ा हादसा हो सकता है। यहां पर करीब एक दर्जन से अधिक ईएमटी व पायलट रहते हैं। जो दिन रात सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों व गंभीर मरीजों को उनके घर से अस्पताल पहुंचाया जाता है। साथ ही हालत नाजुक होने पर उन्हें कानपुर तक ले जाने का भी काम करते हैं। लेकिन उनकी समस्या को कोई सुनने वाला नहीं है। दिनरात यह लोग मरीजों की सेवा के लिए लगे रहते है और जब दो पल के लिए इन्हें सुकून मिलता है तो वह आराम की नींद भी नहीं सो पाते हैं। क्योंकि न तो इनके लेटने की कोई उचित व्यवस्था है और न ही रहने की। बिना पलंग के यह स्ट्रेचर के सहारे ही अपनी रातें गुजारने को विवश रहते हैं। वहीं जर्जर भवन की छत भी इनकी नींद गायब किए है। टीम के मनीष कुमार, सरताज, अर्जुन, संदीप, महेंद्र, जयप्रकाश, सुधीर, अनूप, धर्मेद्र, सत्येन्द्र आदि ने बताया कि कई बार उन्होंने इसकी शिकायत सीएमओ से की, लेकिन अब तक समस्या का हल नहीं हो सका। उनका कहना है कि जिस परिसर में वह लोग रहते हैं वहां पर कूड़ा करकट भी फेंक दिया जाता है, जिससे सड़ांध होती है और संक्रामक बीमारियों का डर सताता रहता है। ऐसे ही परिसर में एंबुलेंस गाड़ियां भी खड़ी होती हैं।

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