रुपये मांगने वाले सिपाही से यह सलूक किया एसपी ने

लूट के मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए सिपाही ने रुपये मांगा था। जांच में पता चला कि सिपाही का नेटवर्क जाली नोट से जुड़ा है।

By Edited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 07:23 AM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 09:26 AM (IST)
रुपये मांगने वाले सिपाही से यह सलूक किया एसपी ने
रुपये मांगने वाले सिपाही से यह सलूक किया एसपी ने

गोरखपुर, (जेएनएन)। बालू कारोबारी से वर्दीधारियों द्वारा तीन लाख रुपये लूट लिए के मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए एक सिपाही रुपये मांग रहा था। जांच में कुछ और पुलिसकर्मियों के फंसने की आशंका हैं। सात दिनों की पड़ताल में पुलिस के हाथ महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है, जिससे कई जिलों में चलने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सकता है। मामला जाली नोट के कारोबार से भी जुड़ता दिख रहा है।

गोरखपुर के बांसगांव निवासी बालू कारोबारी संजय सिंह उर्फ सोनू एक सप्ताह पहले देवरिया जिले के भीखमपुर रोड स्थित निकट हनुमान मंदिर निवासी एक व्यक्ति से मिलने गए थे। वह अपने पास बालू खरीदने के लिए तीन लाख रुपये रखे थे। बातचीत के दौरान चार संदिग्ध वार्दीधारी पहुंचे, वे संजय को थप्पड़ मारकर रुपये लेकर चलते बने। छानबीन के बाद बालू कारोबारी ने वर्दीधारियों द्वारा लूट किए जाने की सूचना कंट्रोल रूम को दी थी।

देवरिया के सीओ सिटी वरुण मिश्र मामले की जांच कर रहे हैं। इसमें चार पुलिसकर्मियों की भूमिका संदेह के घेरे में मिली। इसी बीच बालू कारोबारी ने एसपी से मिलकर बयान दर्ज कराया। उसने कहा कि देवरिया कोतवाली का सिपाही यशोदानंद यादव केस दर्ज कराने के लिए पांच हजार रुपये लिया है। जांच के घेरे में सिपाही की भूमिका भी संदिग्ध मिली। एसपी एन कोलांची ने आरोपित सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया। सिपाही के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी गई है।

कई तरह का बयान दे रहा बालू कारोबारी
वर्दीधारियों द्वारा लूट की सूचना देने वाला बालू कारोबारी संजय सिंह सोनू भी संदेह के घेरे में है। घटना के बाद पुलिस व अधिकारियों को दर्ज कराए गए उसके बयान आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। वादी द्वारा बताई कहानी में झोल मिल रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बयान बदलने से जांच प्रभावित हो रही है। घटना के दिन उसके साथ चार लोग थे। जांच के बाद इसका कनेक्शन गोरखपुर, कुशीनगर, बिहार से जुड़ रहा है। बयान दर्ज करने के लिए उसके साथियों से कई बार संपर्क किया गया। उनमें कुछ फोन बंद किए हुए हैं। कुछ लोगों को चिह्नित किया जा चुका है। पुख्ता सबूत मिलने के बाद घटना का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

एसपी के पास आया विधायक का फोन
पुलिस अधीक्षक अपने कार्यालय में मौजूद थे। उन्होंने शिकायत के बाद सिपाही यशोदानंद यादव को लाइन हाजिर कर दिया। करीब आधे घंटे के बाद सिपाही के चहेते एक विधायक का फोन एसपी के पास पहुंचा। उन्होंने सिपाही को बहाल करने के लिए एसपी पर दबाव बनाया। एसपी ने साफ मना कर दिया और कहा कि आप सिफारिश मत करिए इसकी कई शिकायत मिल चुकी है। जांच चल रही है। वहीं पुलिस अधीक्षक एन कोलांची का कहना है कि कार्रवाई हुई है। इसका साफ संदेश जाना चाहिए।

बर्खास्त भी किया जा सकता है सिपाही
देवरिया के पुलिस अधीक्षक एन कोलांची का कहना है कि सिपाही यशोदानंद की कई शिकायतें हैं। बालू कारोबारी के साथ हुई घटना में वह संदेह के घेरे में है। जांच चल रही है। आरोपितों पर बर्खास्ती की कार्रवाई की जाएगी।

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