'घर में शौचालय नहीं तो कुछ नहीं' पंचायती राज विभाग का अभियान

पंचायती राज विभाग ने घर-घर शौचालय बनवाने के लिए अभियान शुरू करने वाला है। यह अभियान 10 सितंबर तक चलेगा। गोरखपुर जिले को पूर्ण रूप से खुले में शौचमुक्त घोषित करने की तैयारी चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Sep 2018 11:29 AM (IST) Updated:Tue, 04 Sep 2018 11:29 AM (IST)
'घर में शौचालय नहीं तो कुछ नहीं' पंचायती राज विभाग का अभियान
'घर में शौचालय नहीं तो कुछ नहीं' पंचायती राज विभाग का अभियान

गोरखपुर : ऐसे परिवार जहां शौचालय बनना है या बन रहा है उसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराकर गांव को ओडीएफ घोषित करने के लिए आज से विशेष अभियान की शुरूआत होगी। 'घर में शौचालय नहीं तो कुछ नहीं' के नारे के साथ शुरू होने वाला यह अभियान 10 सितंबर तक चलेगा। जनपद के सभी गांवों को 15 सितंबर तक खुले में शौच मुक्त घोषित करने के क्रम में इस अभियान की निगरानी उच्चाधिकारी स्वयं करेंगे। इस अभियान के तहत जिस भी गांव में कार्यवाहियां शुरू नहीं हुई वहां के सचिव, प्रधान और स्वच्छाग्रही के खिलाफ कार्रवाई तय है।

जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने समस्त ग्राम पंचायत सचिवों, प्रधान और स्वच्छाग्रहियों को लाइबिलिटी (ऐसे लाभार्थी जिन्होंने शौचालय निर्माण के पहला या दूसरा चरण पूरा कर लिया है और प्रोत्साहन राशि के इंतजाम में है।) के रूप में दी गई लाभार्थियों की सूची के अनुरूप छूटे हुए परिवारों को शौचालय की सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह शौचालय निर्माण के लिए प्रथम किस्त के रूप में तकरीबन 30 करोड़ की धनराशि संबंधित ग्राम पंचायतों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई है। ऐसे में सचिव, प्रधान और स्वच्छाग्रहियों की जिम्मेदारी है कि पंचायत स्तर पर शौचालय निर्माण के लिए प्रारंभिक तैयारियां ईट, बालू , सीमेंट, सरिया, राजमिस्त्री, मजदूर, स्थान का चयन, शौचालय सीट, पीवीसी पाइप आदि सामग्री अनिवार्य रूप से मंगा ली जाए, जिससे कि 'घर में शौचालय नहीं तो कुछ नहीं' अभियान के तहत समस्त शौचालयों का निर्माण चार से दस सितंबर के बीच पूर्ण करा लिया जाए।

उन्होंने बताया कि खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत एवं खंड प्रेरक नियमित रूप से इसकी निगरानी करेंगे। रोजाना पांच ग्राम पंचायतों का भ्रमण भी किया जाएगा। जिला कंसलटेंट, जनपद स्तर पर नामित ओडीएफ के नोडल अधिकारियों भी रैंडम तौर पर गाव का भ्रमण कर इसकी आख्या सीडीओ को देंगे।

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