यहां माध्यमिक विद्यालयों की दशा ठीक नहीं, प्रधानाचार्य के 50 फीसद पद खाली

देवरिया जिले में माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाचार्य के 50 फीसद पद खाली हैं। ठीक यही स्थिति एलटी ग्रेड के शिक्षकों की है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Dec 2018 06:31 AM (IST) Updated:Sun, 23 Dec 2018 06:31 AM (IST)
यहां माध्यमिक विद्यालयों की दशा ठीक नहीं, प्रधानाचार्य के 50 फीसद पद खाली
यहां माध्यमिक विद्यालयों की दशा ठीक नहीं, प्रधानाचार्य के 50 फीसद पद खाली

गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जनपद के माध्यमिक विद्यालयों की दशा ठीक नहीं है। एलटी ग्रेड के सहायक अध्यापक, प्रवक्ता ही नहीं प्रधानाचार्यों के पद भी बड़ी संख्या में खाली हैं। इनको भरने की दिशा में कोई पहल नहीं दिख रही है। इसका खुलासा जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जिला विद्यालय निरीक्षक की तरफ से उपलब्ध कराई गई सूचना से हुआ है।

जिला विद्यालय निरीक्षक से 22 जनवरी को जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत तीन ¨बदुओं पर सूचना मांगी गई थी। जिसमें जनपद में वर्तमान समय में संचालित मान्यता प्राप्त माध्यमिक, वित्तपोषित, वित्तविहीन व राजकीय विद्यालयों की संख्या, माध्यमिक विद्यालयों में हाईस्कूल व इंटर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की 2007 से 2018 तक वर्षवार ब्योरा मांगा गया था। इसके अलावा माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों व शिक्षकों के स्वीकृत पद के सापेक्ष तैनाती, माध्यमिक विद्यालयों में संचालित योजनाओं व खर्च का ब्योरा, शिक्षकों के स्वीकृत पदों के सापेक्ष तैनाती के बारे में जानकारी चाही गई थी। जिसके जवाब में जिला विद्यालय निरीक्षक शिवचंद राम ने बताया है कि जनपद में कुल 524 विद्यालयों में 18 राजकीय, 122 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय, 384 वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं। वर्तमान समय में 122 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में 62 विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के पद रिक्त हैं। सहायक अध्यापक स्नातक वेतनक्रम में कुल सृजित 2339 पद के सापेक्ष 1016 अध्यापक कार्यरत व 1323 पद रिक्त हैं। इसी तरह प्रवक्ता के सृजित 621 पदों के सापेक्ष 327 प्रवक्ता कार्यरत व 294 पद रिक्त है। माध्यमिक विद्यालयों में छात्रवृत्ति, निश्शुल्क लैपटाप, मिड-डे-मील, आइडीएसएस योजना संचालित है। 2012 से 2018 तक कुल आठ करोड़ 76 लाख 97 हजार 940 रुपये धनराशि शासन से अवमुक्त हुआ है। जबकि आठ करोड़ 63 लाख 11 हजार 844 रुपये खर्च हुए हैं। यह धनराशि कर्मचारियों के वेतन आदि, भवन निर्माण, आइडीएसएस, शैक्षिक भ्रमण पर व्यय हुआ है। हालांकि जिला विद्यालय निरीक्षक ने खर्च का ब्योरा देने से इंकार कर दिया है। इसके अलावा छात्रों की संख्या भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। यह सूचना माध्यमिक शिक्षा परिषद से प्राप्त करने का सुझाव दिया गया है।

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