कुशीनगर मस्जिद विस्‍फोट कांड में सेना में रिटायर्ड मेजर पर संदेह Gorakhpur News

कुशीनगर मस्जिद में विस्‍फोट मामले में पुलिस को सेना के एक रिटार्यड मेजर पर भी संदेह है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 11:36 AM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 04:35 PM (IST)
कुशीनगर मस्जिद विस्‍फोट कांड में सेना में रिटायर्ड मेजर पर संदेह Gorakhpur News
कुशीनगर मस्जिद विस्‍फोट कांड में सेना में रिटायर्ड मेजर पर संदेह Gorakhpur News

गोरखपुर, अनिल कुमार त्रिपाठी। तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के गांव बैरागी पट्टी मस्जिद में बारूदी विस्फोट कांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए तथ्य भी उभर कर सामने आ रहे हैं। जिन आरोपितों की तलाश में आज पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है उनमें से एक प्रमुख अशफाक घटना के समय मौके पर मौजूद था। सेना का यह कथित मेजर पुलिस का रुख दूसरी तरफ मोडऩे में तो सफल रहा। उसने अधिकारियों को भी अपने रुतबे में ले लिया था। घटना के दूसरे दिन एटीएस की जांच-पड़ताल में कथित मेजर की भी भूमिका पाई गई।

यस सर, जी सर कहते रहे अधिकारी

अगर पुलिस और गुप्तचर विभाग घटना की संवेदनशीलता को भांप कर सतर्क रही होती तो आज आरोपित उनके हाथों से दूर नहीं होते। सेना में मेजर होने की धौंस व अंग्रेजी में फर्राटे से बात करने के कारण पुलिस के बड़े अधिकारी अशफाक से प्रभावित नजर आए, तो स्थानीय पुलिस अशफाक की हर बात पर यस सर, जी सर कर रही थी। पुलिस अधिकारी इस कदर प्रभाव में थे कि अशफाक से सामान्य पूछताछ का साहस नहीं जुटा पा रहे थे। हालांकि एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने अशफाक की आईडी मांगी तो वह दिखाने की बजाय उनसे बहस करने लगा।

रिटायर्ट अधिकारी है अशफाक

प्रशासनिक अधिकारी ने उसकी शैली को अनुचित बताते हुए फटकार लगाई। हालांकि बहस में अशफाक ने यह स्वीकार किया कि वह 2017 में ही रिटायर्ड है और आइडी हैदराबाद में जमा है। इसके बाद से अशफाक फरार चल रहा है। पूरे प्रकरण में फौरी तौर पर जिले की पुलिस टीम की लापरवाही सामने आई है। यदि पुलिस ने मामले की गंभीरता समझी होती तो एक अशफाक के पकड़े जाने के साथ ही अब तक पूरी साजिश उजागर हो चुकी होती। यह तो फारेंसिक व बम निरोधक दस्ते की देन है कि विस्फोट के दूसरे दिन मौके पर पहुंच कर बारूदी विस्फोट होने की पुष्टि की। मस्जिद में हुआ विस्फोट दस किलो बारूद का था। इसकी गूंज डेढ़ किलोमीटर की परिधि में सुनी गई थी।

10 किलो से अधिक था विस्फोटक

फोरेंसिक जांच के बाद विशेषज्ञों ने मस्जिद में 10 किलो से अधिक विस्फोटक होने का अनुमान लगाया है। इसीलिए विस्फोट इतना जबरदस्त हुआ था कि डेढ़ किलोमीटर की परिधि में धमका सुना गया। विस्फोट के बाद मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम और बम निरोधी दस्ते ने पहले ही दिन बारूद से विस्फोट होने की पुष्टि कर दी थी।

एडीजी ने कहा, मस्जिद विस्फोट कांड में आतंकी कनेक्शन की बू

विस्फोट के तार आतंकी संगठन से जुड़े हो सकते हैं। एडीजी रेंज जयनारायण सिंह ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच में इसके ठोस संकेत मिले हैं। एडीजी ने कहा कि पुलिस की कई टीमें घटना के अनावरण में जुटी हैं। दो से तीन दिन के अंदर घटना का पर्दाफाश हो जाएगा।

गांव में कायम थी हाजी की दहशत

बैरागीपट्टी गांव में हाजी कुतुबुद्दीन का काफी दबदबा था। उससे जुड़े लोगों पर तो इसका असर नहीं था लेकिन जो उससे जुड़े नहीं थे, वे हर समय काफी दहशत में रहते थे। सोमवार को हुए विस्फोट में उसका  नाम आने के बाद पुलिस ने उस पर शिकंजा कसना शुरू किया तो उससे डरे लोगों का दर्द बाहर आ गया। गांव के रामायण गुप्त, ऐसे ही लोगों में से एक हैं। बात चलने पर उनकी पीड़ा शब्द बनकर छलकने लगी। रामायण और उनकी पत्नी ने जागरण संवाददाता को बताया कि हाजी कुतुबुद्दीन के भय से वे और उनके परिवार के लोग काफी समय से परेशान हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा। उनके मुताबिक हाजी ने उनकी भूमि पर कब्जा कर लिया, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। उसका रसूख इतना है कि गांव के लोग उससे भय खाते हैं तो अधिकारी भी उसकी ही बात सुनते हैं। 

हाजी पर कसा शिकंजा तो उभर आई इनकी पीड़ा

बैरागीपट्टी गांव में कुतुबुद्दीन के व्यवहार से लोगों में भय का माहौल है। रमायण गुप्ता की पीड़ा तो पूछिए मत। सोमवार को जब उन्हें पता चला कि मस्जिद में हुए विस्फोट के पीछे उसी का हाथ है और पुलिस उसकी तलाश कर रही तो वह भी गांव वालों के राग में राग मिलाते हुए उसके विरुद्ध मुखर हो गए। अपनी पीड़ा बताते हुए रमायण दंपती ने बताया कि हाजी कुतुबुद्दीन के भय से वे और उनके परिवार के लोग काफी समय से परेशान हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा। बताया कि हाजी ने उनकी भूमि पर कब्जा कर लिया। न्यायालय में पांच वर्ष तक मुकदमा चला, जिसमें छल-कपट के बल पर वह जीत गया। उसका रसूख इतना है कि गांव के लोग उससे भय खाते हैं तो अधिकारी भी उसकी ही बात सुनते हैं। 

बैरागीपट्टी में पटरी पर लौटा जीवन

मस्जिद में विस्फोट के बाद बैरागी पट्टी गांव में पसरे डर का माहौल चौथे दिन सामान्य होता नजर आया। हालांकि किसी अपरिचित से बात करने से वे परहेज कर रहे थे। अलबत्ता मौका मिलने पर सहमी नजरों से इधर-उधर देखते हुए आपस में वे जरूर खुसर-पुसर करने से नहीं चूक रहे थे। घरों के बाहर ब'चे भी खेलते नजर आए। गांव में संचालित परिषदीय विद्यालय में पढऩे वाले ब"ो पहुंचे तो जरूर पर संख्या कम रही। सोमवार दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे गांव के पश्चिम दिशा में स्थित मस्जिद में अचानक तेज विस्फोट होने से गांव में दहशत फैल गई थी। आस-पास रहे लोग अनहोनी की आशंका से घबरा उठे थे।  गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। अचानक बदली गांव की फिजा में दहशत घुल गई। डरे-सहमे लोग घरों से बाहर निकलने से बचते रहे। 

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