प्रशासन पर भारी बालू माफिया, पुलिस व खनन विभाग की शह पर चल रहा खेल Gorakhpur News

कुशीनगर जिले में रामकोला व कसया थाना क्षेत्र में छोटी गंडक नदी से बालू का खनन जोरों पर है। प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई न होने से माफिया के हौंसले बुलंद हैं। खनन के चलते खेती योग्य भूमि तेजी से उसर हो रही है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 30 Mar 2021 10:10 AM (IST) Updated:Tue, 30 Mar 2021 10:10 AM (IST)
प्रशासन पर भारी बालू माफिया, पुलिस व खनन विभाग की शह पर चल रहा खेल Gorakhpur News
परवरपार में छोटी गंडक से बालू निकालते मजदूर। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : कुशीनगर जिले में रामकोला व कसया थाना क्षेत्र में छोटी गंडक नदी से बालू का खनन जोरों पर है। प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई न होने से माफिया के हौंसले बुलंद हैं। खनन के चलते खेती योग्य भूमि तेजी से उसर हो रही है, जिसे लेकर किसान चिंतित हैं। रामकोला क्षेत्र के गांव परवरपार में शिव मंदिर घाट, कारी घाट, सिकटिया, जगरनाथपुर, चैनपुर, परवरपार, कुरमौटा व रामनगर, बैदौली, महुंआडीह, रेंगवनिया घाट पर दिन-रात खनन हो रहा है। विरोध करने वाले ग्रामीणों को मारपीट का शिकार होना पड़ता है। मामला पुलिस व खनन विभाग के संज्ञान में भी आया, लेकिन खनन पर रोक नहीं लग पाया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कसया पूर्ण बोरा का कहना है कि पिछले दिनों कार्रवाई की गई है। शीघ्र फिर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। बालू और संसाधन जब्त किए जाएंगे।

नहीं थम रहा बालू खनन, चुप हैं जिम्मेदार

तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र में मधुरिया कुकुत्था नदी में बालू खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। भगवान बुद्ध से जुड़ी ऐतिहासिक कुकुत्था नदी के विकास के लिए प्रशासन कटिबद्ध है। यहां पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा की स्थापना, घाट, सीढ़ी व बुद्ध गमन मार्ग सहित कई प्रकार के कार्य चल रहे हैं। एक तरफ प्रशासन नदी के विकास के लिए कार्य कर रहा है तो दूसरी तरफ बालू माफिया नदी में खनन करा नदी व जंगल का अस्तित्व मिटाने को आतुर हैं। धुनवलिया कांटी जंगल के पास इस नदी में दिन ढलते ही खनन शुरू हो जा रहा है। मजदूर रात भर नदी से बालू निकाल नदी के किनारे इकट्ठा करते हैं और सुबह होते ही ट्राली से बालू को गंतव्य पर पहुंचा दिया जाता है। जोकवा बाजार के शिवमूर्ति यादव, मधुरिया के मुकुल पांडेय, कृपापट्टी के चंद्रभान प्रजापति, दहारीपट्टी के नंद लाल गोंड़ आदि का कहना है कि खनन न रुका तो लोग अब आंदोलन को विवश होंगे।

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