25 दिन पहले कराया पंजीकरण, अब तक नहीं हुआ सत्यापन, जानें क्या है मामला Gorakhpur News
एक अप्रैल सेगेहूं खरीद होनी थी जिसको लेकर कागजों में भले ही तैयारी पूर्ण होने का दावा किया जा रहा हो लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। सिद्धार्थनगर में विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण के करीब 25 दिन बाद भी संबंधित किसानों के खतौनी का सत्यापन नहीं हो सका है।
गोरखपुर, जेएनएन : एक अप्रैल से सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद होनी थी, जिसको लेकर कागजों में भले ही तैयारी पूर्ण होने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। सिद्धार्थनगर जिले में विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण के करीब 25 दिन बाद भी संबंधित किसानों के खतौनी का सत्यापन नहीं हो सका है, जबकि बिना सत्यापन खरीद होना संभव नहीं है।
गेहूं बेचने के लिए पोर्टल पर कराया पंजीकरण
डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के धनुआडीह, बहेरिया आदि गांव के कृष्ण कुमार द्विवेदी, बाल जी दूबे, सीताराम पांडेय आदि किसानों ने बताया कि मार्च के शुरुआती हफ्ते में गेहूं बेचने के लिए विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, लेकिन अभी भी खतौनी का आनलाइन सत्यापन नहीं हो सका है। इसके चलते गेहूं विक्रय करने में दिक्कत होगी। प्रशासन की लापरवाही के चलते किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। रबी विपणन वर्ष 2021-22 में सरकारी गेहूं की बिक्री के लिए कृषकों को खाद्य विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण कराते समय किसान को जोतबही, खसरा, भूमि/फसल का रकबा, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर देना होगा। जबकि जो किसान 100 क्विंटल से अधिक गेहूं की बिक्री करेगा तो खरीद से पहले एसडीएम से सत्यापन कराया जाएगा।
सत्यापन के चलते नहीं जारी हो रहा टोकन
सरकारी गेहूं क्रय केंद्र पर अपनी उपज बेचने के लिए किसानों को विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण कराने के बाद आनलाइन टोकन प्राप्त करने का आप्सन भी दिया जा रहा है, लेकिन खतौनी के बिना सत्यापन के टोकन जारी नहीं हो सकता है। ऐसे में किसानों को क्रय केंद्रों पर गेहूं तौल कराने की तिथि नहीं मिल पा रही है।
किसानों के खतौनी का सत्यापन कार्य प्रगति पर
डुमरियागंज के एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण कराने वाले किसानों के खतौनी का सत्यापन कार्य प्रगति पर है। जो भी लंबित है उसका भी यथा शीघ्र निस्तारण करा दिया जाएगा। काफी सतर्कता के साथ खतौनी का सत्यापन कार्य किया जा रहा है।