Good News : यहां औद्योगिक इकाइयों में शुरू हुआ उत्पादन, नहीं होगी जरूरी सामान की कमी Gorakhpur News

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में करीब 42 इकाइयों का संचालन शुरू हो गया है। यहां आटा मैदा ब्रेड बिस्किट एवं बेकरी के अन्य सामान का उत्पादन हो रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 07 Apr 2020 10:25 AM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 08:49 AM (IST)
Good News : यहां औद्योगिक इकाइयों में शुरू हुआ उत्पादन, नहीं होगी जरूरी सामान की कमी Gorakhpur News
Good News : यहां औद्योगिक इकाइयों में शुरू हुआ उत्पादन, नहीं होगी जरूरी सामान की कमी Gorakhpur News

गोरखपुर, उमेश पाठक। लॉकडाउन में गोरखपुर एवं आसपास के जिलों में जरूरी सामान की कमी नहीं होगी। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) एवं गोरखनाथ स्थित इंडस्ट्रियल इस्टेट में करीब 42 इकाइयों का संचालन शुरू हो गया है। यहां आटा, मैदा, ब्रेड, बिस्किट एवं बेकरी के अन्य सामान का उत्पादन हो रहा है।

खत्‍म होने लगा था स्‍टॉक में रखा माल

लॉकडाउन शुरू होने के बाद स्टाक में रखे माल से लोगों को जरूरत के सामान की घर-घर आपूर्ति दी जाने लगी। समय के साथ स्टाक में रखा माल भी खत्म होने लगा। इसके बाद रेलवे के जरिए एक रेक आटा बाहर से मंगाया गया। इसी बीच प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को चालू करने के निर्देश दिए। तब गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव रंजन ने जरूरी सामान का उत्पादन करने वाली 34 इकाइयों को चलाने की अनुमति दी। वहीं इंडस्ट्रियल इस्टेट में करीब आठ फैक्ट्रियों के मालिकों की ओर से आए आवेदनों के आधार पर जिला उद्योग केंद्र ने भी उत्पादन शुरू करने की अनुमति दे दी।

बाजार में आने लगे उत्पाद

करीब पांच दिन से इन फैक्ट्रियों में उत्पादन हो रहा है। 42 फैक्ट्रियों में नौ फ्लोर मिल हैं, जहां आटा व मैदा का उत्पादन हो रहा है। इससे चोकर भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो रहा है। मैदा उपलब्ध होने से ब्रेड, बिस्किट की फैक्ट्रियां भी चल पड़ी हैं। बेकरी के अन्य सामान भी बाजार में पहुंच रहे हैं। 10 से 12 फैक्ट्रियां पशु आहार बना रही हैं। माल की आपूर्ति के लिए बोरे भी बनाए जा रहे हैं। गीडा की दो फैक्ट्रियां करीब 60 हजार बोतल प्रतिदिन सैनिटाइजर बना रही हैं। उद्यमियों के अनुसार प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है।

30 फीसद क्षमता पर चल रहीं मिलें

संचालित फ्लोर मिलों का क्षमता 2000 टन प्रतिदिन की है। इस समय गेहूं कम मिलने, ट्रांसपोर्ट बंद होने से करीब 30 फीसद ही उत्पादन हो रहा है। माल बाहर न जाने के कारण गोरखपुर एवं आसपास के जिलों में पर्याप्त सामान उपलब्ध हो जा रहा है। हर फैक्ट्री में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है।

प्रतिदिन तैयार हो रहे 20 हजार मास्क

जिले में विभिन्न संस्थाओं की ओर से करीब 20 हजार मास्क प्रतिदिन तैयार कराए जा रहे हैं। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के सहयोग से इंडस्ट्रियल इस्टेट में भी मास्क बनाए जा रहे हैं।

जिले में करीब 42 फैक्ट्रियां जरूरी सामान का उत्पादन कर रही हैं। प्रशासन का पूरा सहयोग है। संचालन के दौरान सभी नियमों का पालन हो रहा है। इस क्षेत्र में जरूरी सामानों की कोई कमी नहीं है। - एसके अग्रवाल

पूर्व अध्यक्ष, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज।

रेस्टोरेंट का शटर बंद, अंदर बन रहा भोजन

घर में अकेले रहने वाले लोगों को लॉकडाउन में भी ताजा खाना मिल रहा है। खाने की होम डिलीवरी जोमैटो और स्विगी ऑनलाइन आर्डर आने पर करा रही है। रेस्टोरेंट के शटर बंद भले नजर आ रहे हों, लेकिन अंदर भोजन तैयार हो रहा है। यह बात अलग है कि खाना ऑनलाइन आर्डर पर ही मिलेगा, न कि खुद जाकर पार्सल या पैकिंग मांगने पर। संपूर्ण बंदी के चलते लोगों के घर में रहने के चलते ऑनलाइन आर्डर में जबरदस्त कमी आई है। इसके चलते कंपनियों ने न केवल मीनू में कटौती कर दी है बल्कि ऑफर भी सीमित कर दिए हैं। शहर के उन्हीं रेस्टोरेंट में किचन चल रहे हैं, जिनके कर्मचारी लॉकडाउन में घर नहीं जा सके हैं या रेस्टोरेंट के आसपास ही रहते हैं। कुछ जगहों पर रेस्टोरेंट से जुड़े लोग घर से ही इसकी आपूर्ति करा रहे हैं। ज्यादातर बड़े रेस्टोरेंट फिलहाल बंद हैं। एक डिलीवरी ब्वॉय के मुताबिक ज्यादातर ऑनलाइन आर्डर बैंकिंग, पुलिस या प्रशासनिक विभाग के जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारी कर रहे हैं। कुछ जगहों पर घरों से भी आर्डर आए हैं। सामान्य दिनों की तुलना में आर्डर कम हैं। मांसाहार के आर्डर न के बराबर हैं।

कम्युनिटी किचन से 11 हजार लोगों को मिल रहा निवाला

गोरखपुर जिला प्रशासन की देखरेख में संचालित कम्युनिटी किचन के जरिये 11 हजार लोगों को दो वक्त का निवाला मिल रहा है। डीएम के.विजयेंद्र पाण्डियन ने जीडीए उपाध्यक्ष अनुज सिंह व गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में टीम का गठन कर गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

कम्युनिटी किचन द्वारा अब तक 2500 परिवारों को राशन पैकेट उपलब्ध कराया जा चुका है। राशन पैकेट में पांच किग्रा आटा, पांच किग्रा चावल, एक किग्रा दाल, आलू व तेल दिया जा रहा है। इसके अलावा प्रतिदिन 11 हजार लोगों को भोजन कराया जा रहा है। शहरी क्षेत्र के पशुओं को भी प्रतिदिन ब्रेड आदि खिलाया जा रहा है। जीडीए उपाध्यक्ष अनुज सिंह व सीईओ गीडा संजीव रंजन ने बताया कि पैकिंग व वितरण और कॉल रिसीव करने के लिए सदर तहसील की टीम लगाई गई है। टीम एक दिन में तकरीबन तीन हजार कॉल रिसीव करती है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह लाभार्थियों की पात्रता का स्वयं परीक्षण करते हैं। डिलीवरी भी सुनिश्चत कराने को अलग-अलग टीम लगाई गई है। प्रात: आठ बजे से रात आठ बजे तक खाद्यान्न व लंच पैकेट का वितरण किया जा रहा है।

एक लाख लोगों को राहत देगी सेवा भारती

लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सहयोगी संस्था सेवा भारती जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है। सेवा भारतीय ने एक लाख लोगों को राहत देने की योजना तैयार की है। इसके लिए सरस्वती शिशु मंदिर पक्कीबाग में आपदा राहत केंद्र बनाया गया है, जहां राहत सामग्री पैकेट तैयार किया जा रहा है। इसके लिए आपदा समिति भी बनाई गई है, जिसमें 40 कार्यकर्ता लगाए गए हैं।

सेवा भारती के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. महेंद्र अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संपर्क प्रमुख अरुण प्रकाश मल्ल, आपदा केंद्र के प्रबंधक कमलेश सिंह, विभाग कार्यवाह आत्मा सिंह, सेवा समर्पण संस्थान के सचिव धु्रव मोदी, नगर संघचालक राजाराम आदि राहत कार्य की कमान संभाले हुए हैं। 73 सेवा केंद्रों के स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा जरूरतमंदों को राहत सामग्री का पैकेट दिया जा रहा है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मोबाइल फोन नंबर 8115853156, 9935206007 और 9389045050 पर फोन करके कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति राहत सामग्री प्राप्त कर सकता है। 

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