तीस करोड़ यूनिट से 48.46 करोड़ यूनिट तक पहुंची बिजली की खपत, केवल गोरखपुर शहर में 10 करोड़ यूनिट की खपत
लॉकडाउन में गोरखपुर जोन के चारो जिलों (गोरखपुर देवरिया कुशीनगर महराजगंज) में जहां अप्रैल में बिजली तीन करोड़ यूनिट बिजली का उपभोग हुआ वहीं अगस्त में यह आंकड़ा बढ़कर 48.46 करोड़ यूनिट पहुंच गया। सिर्फ गोरखपुर शहर में ही अगस्त महीने में 10 करोड़ यूनिट बिजली ली गई थी।
गोरखपुर, जेएनएन। लाकडाउन में ढील मिलने पर जैसे-जैसे बाजार खुलते गए बिजली की खपत बढ़ती गई। गोरखपुर जोन के चारो जिलों (गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज) में जहां अप्रैल में बिजली तीन करोड़ यूनिट बिजली का उपभोग हुआ वहीं अगस्त में यह आंकड़ा बढ़कर 48.46 करोड़ यूनिट पहुंच गया। सिर्फ गोरखपुर शहर में ही अगस्त महीने में 10 करोड़ यूनिट बिजली ली गई थी वहीं अप्रैल में सिर्फ 5.69 करोड़ यूनिट का ही उपभोग हुआ।
22 मार्च को लाकडाउन शुरू होने के साथ ही व्यावसायिक व औद्योगिक गतिविधियां पूरी तरह बंद हो गई थीं। इस कारण बिजली की मांग अचानक कम हो गई। पूरी मई में सशर्त ढील देने के साथ बिजली की मांग बढ़ी और अगस्त में यह सामान्य दिनों की तरह हो गई। हालांकि सितंबर में कई दिन हुई बारिश के कारण मांग में कमी आने से बिजली कम खर्च हुई है।
ऐसे खर्च हुई बिजली
महीना जिला खपत
मार्च गोरखपुर 7.71
महराजगंज 2.99
देवरिया 6.17
कुशीनगर 4.16
गोरखपुर शहर की खपत - 5.26
महीना जिला खपत
अप्रैल गोरखपुर 8.70
महराजगंज 3.62
देवरिया 6.86
कुशीनगर 5.04
गोरखपुर शहर की खपत - 5.69
महीना जिला खपत
मई गोरखपुर 11.19
महराजगंज 5.01
देवरिया 8.40
कुशीनगर 6.62
गोरखपुर शहर की खपत - 8.01
महीना जिला खपत
जून गोरखपुर 12.14
महराजगंज 5.14
देवरिया 8.91
कुशीनगर 6.99
गोरखपुर शहर की खपत - 8.95
महीना जिला खपत
जुलाई गोरखपुर 13.29
महराजगंज 5.71
देवरिया 9.45
कुशीनगर 7.50
गोरखपुर शहर की खपत - 9.48
महीना जिला खपत
अगस्त गोरखपुर 13.66
महराजगंज 6.26
देवरिया 10.00
कुशीनगर 8.45
गोरखपुर शहर की खपत - 10.07
महीना जिला खपत
सितंबर गोरखपुर 13.11
महराजगंज 5.75
देवरिया 9.41
कुशीनगर 7.78
गोरखपुर शहर की खपत - 9.22
नोट- सितंबर माह में ज्यादा बारिश के कारण बिजली की खपत कम हुई है
नोट - सभी आंकड़े करोड़ यूनिट में हैं
बाजारों के साथ ही उद्योग शुरू हुई तो बिजली की खपत बढ़ती गई। 24 घंटे निर्बाध आपूर्ति में बिजली निगम सफलता पा रहा है। यह बिजली निगम के अफसरों और कर्मचारियों के कारण संभव हुआ है। - देवेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता।