फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर हासिल की थी पीएसी में नौकरी, पांच साल बाद गिरफ्तार

पीएसी के दो जवान फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल कर लिए थे। जांच में दोषी पाए जाने पर दोनो बर्खास्त हो गए। एक गिरफतार हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Mar 2019 04:43 PM (IST) Updated:Sat, 09 Mar 2019 04:43 PM (IST)
फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर हासिल की थी पीएसी में नौकरी, पांच साल बाद गिरफ्तार
फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर हासिल की थी पीएसी में नौकरी, पांच साल बाद गिरफ्तार

गोरखपुर, जेएनएन। शहर के शाहपुर पुलिस ने पीएसी के बर्खास्त एक जवान को गिरफ्तार कर लिया है। फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए वह 26वीं वाहिनी पीएसी में नौकरी कर रहा था। भेद खुलने पर वर्ष 2013 में आरोपित और उसके एक साथी के खिलाफ सीतापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसकी विवेचना पुलिस कर रही थी।

जानकारी के मुताबिक 2006 में पीएसी में आरक्षी पद पर नियुक्ति हुई थी। इसमें पीपीगंज के जंगल कौड़िया निवासी धर्मेद्र कुमार और हरपुर बुदहट के नेवास माफी खजुरी निवासी अशोक कुमार भर्ती हो गए थे। जाच में पता चला कि धर्मेद्र कुमार ने जाति प्रमाणपत्र और अशोक ने फर्जी अंकपत्र का इस्तेमाल किया था। वर्ष 2013 में दोनों के खिलाफ सीतापुर कोतवाली में फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2015 में विवेचना गोरखपुर स्थानांतरित कर दी गई। जिसकी विवेचना शाहपुर पुलिस कर रही थी। विवेचक सत्यानंद सिंह ने जब उसके घर पर दबिश दी तो वह पहले बहानेबाजी करने लगा बाद में धर्मेद्र को गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तारी के बाद उससे पुलिस ने पूछताछ की गई। उसके बाद शुक्रवार की शाम को उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया।

अब दूसरा अभियुक्त रह गया है। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है। उम्मीद है कि वह भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके लिए पुलिस टीम भी गठित की जा चुकी है। गोरखनाथ के पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रवीण सिंह ने बताया कि दूसरे आरोपित की तलाश चल रही है। वह भी शीघ्र ही पुलिस गिरफ्त में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि काफी दिनों से दोनो की तलाश चल रही थी, इसमें एक गिरफ्तार हो गया।

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