जननी सुरक्षा के आधार प्रसव केंद्र बीमार

प्रसव केंद्र (एएनएम सेंटर) जननी सुरक्षा के प्रमुख आधार हैं। गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय तुरंत उपचार मिल सके इसके लिए न्याय पंचायत स्तर पर प्रसव केंद्र की स्थापना की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 06:15 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 06:15 AM (IST)
जननी सुरक्षा के आधार प्रसव केंद्र बीमार
जननी सुरक्षा के आधार प्रसव केंद्र बीमार

सिद्धार्थनगर : प्रसव केंद्र (एएनएम सेंटर) जननी सुरक्षा के प्रमुख आधार हैं। गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय तुरंत उपचार मिल सके इसके लिए न्याय पंचायत स्तर पर प्रसव केंद्र की स्थापना की गई है। सुरक्षित प्रसव के लिए ग्रामीण महिलाओं के लिए वरदान कहे जाने वाले इन केंद्रों की शनिवार को पड़ताल की गई तो कई ताले की जकड़ में तो कई खंडहर हो रहे या घास फूस की घिरे मिले। यही कारण है कि प्रसव के दौरान महिलाओं को ब्लाक व तहसील मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल पर जाना पड़ता है। ऐसे में केंद्र खुद ही बीमार हैं।

धमौरा न्याय पंचायत के घोसियारी प्राथमिक विद्यालय के बगल एक दशक पूर्व साढे चार लाख की लागत से अर्ध निर्मित प्रसव केंद्र झाड़ियों के गिरफ्त में है। यहां तैनात एएनएम राज लक्ष्मी मिश्रा ने बताया कि भवन न होने से काफी समस्या होती है। दीवार जर्जर हो चुकी है। इसके लिए विभाग को कई बार अवगत कराया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

मसैचा न्याय पंचायत का प्रसव केंद्र एकडेंगवा ग्राम पंचायत में स्थापित है। जो हमेशा बंद रहता है। वर्ष 2008-09 में निर्मित इस भवन के चारों तरफ बड़ी झाड़ियों का पहरा है। साथ ही ग्रामीणों ने इसे शौचालय बना दिया है। इस पर न्याय पंचायत की करीब 12 हजार से अधिक महिलाओं के प्रसव का भार है बावजूद जिम्मेदारों की उपेक्षा से यह अब खुद बीमार है।

ग्राम पंचायत बनके गांव में दो दशक पूर्व करीब चार लाख की लागत से बना प्रसव केंद्र खंडहर हो चुका है। महिलाओं को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बगल में एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना भी कई है, जिसमें ताला लगा हुआ है। ग्राम प्रधान ने बताया कि यह स्वास्थ्य सेंटर कभी खुला नहीं दिखाई दिया, टीकाकरण आदि का काम स्कूल अथवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के घर किया जाता है।

धमौरा ग्राम पंचायत में धन अभाव के कारण दीवार खड़ी है, छत नहीं लग पाया। यहां तैनात उमा सिंह का कहना है कि टीकाकरण जैसे आवश्यक कार्य आशा के घर बैठ कर करती हूं। महुआ में दो दशक पूर्व बना भवन काफी जर्जर हो चुका है। भवन अभी विभाग को सौंपा नहीं गया है। विशुनपुर व कलनाखोर में बने प्रसव केंद्र भी जर्जर अवस्था में हैं। यहां कार्यरत एएनएम खतरे के बीच रह कर अपने कार्य को करती हैं।

अधीक्षक डा. एमएम त्रिपाठी ने कहा कि कई प्रसव केंद्रों का नव निर्माण शुरु है। कुछ जो ताले में हैं, उनके भवन जर्जर हैं। ध्वस्त कराने के लिए पत्र पूर्व में प्रेषित किया है। जहां एएनएम नहीं बैठ रहीं उस पर मैं औचक निरीक्षण कर कार्रवाई करुंगा।

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