तो इसलिए गोरखपुर जेल में हुआ कोरोना विस्‍फोट, और भी खराब हो सकती है स्थिति Gorakhpur News

गोरखपुर जेल में क्षमता से अधिक कैदियों के होने से यहां कोरोना वायरस के मरीजों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 30 Aug 2020 11:52 AM (IST) Updated:Sun, 30 Aug 2020 11:52 AM (IST)
तो इसलिए गोरखपुर जेल में हुआ कोरोना विस्‍फोट, और भी खराब हो सकती है स्थिति  Gorakhpur News
तो इसलिए गोरखपुर जेल में हुआ कोरोना विस्‍फोट, और भी खराब हो सकती है स्थिति Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। जिला कारागार में एक डिप्टी जेलर व कई बंदी रक्षकों सहित 143 बंदियों के कोरोना वायरस से संक्रमित मिलने के बाद जेल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक तरफ बाकी बचे बंदियों और जेल कर्मचारियों को संक्रमण की चपेट में आने से बचाने की चुनौती है तो दूसरी तरफ जेल के अंदर शारीरिक दूरी के नियम का  पालन कराने की। क्षमता से दोगुनी संख्या में जेल में बंदियों की मौजूदगी ने भी मुश्किल बढ़ा दी है। 

ओवरलोड जेल में कैसे होगा शारीरिक दूरी का पालन

जिला कारागार में महिला बैरक सहित कुल नौ बैरक हैं। जिनकी क्षमता 822 निर्धारित है, लेकिन इस समय जेल के अंदर 17 सौ से अधिक बंदी मौजूद हैं। बंदियों की अधिक संख्या होने की वजह से इन्हें बैरकों में समायोजित करना जेल प्रशासन के लिए पहले ही बड़ी चुनौती बनी हुई थी। किसी तरह से इनका प्रबंधन कर रहा था कि इसी बीच शुक्रवार और शनिवार को कराई कई कोविड-19 जांच में एक डिप्टी जेलर, कई बंदी रक्षकों और बंदियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।

बंदियों को आइसोलेशन में रखने की खड़ी हुई समस्या

पॉजिटिव पाए गए लोगों को निर्धारित अवधि तक आइसोलेशन में रखना होता है। शुरू में इक्का-दुक्का जो बंदी संक्रमित पाए जाते थे, उन्हें जेल अस्पताल में ही आइसोलेट कर दिया जाता था। संक्रमित पाए गए बंदियों की संख्या अचानक बढ़ जाने की वजह से जेल प्रशासन के सामने उन्हें आइसोलेशन में रखने की समस्या खड़ी हो गई है।

जेल में आखिर कैसे पहुंचा संक्रमण

बड़ा सवाल यह है कि जेल में संक्रमण आखिर कैसे पहुंचा। तब जबकि संक्रमण की शुरुआत होने पर संख्या कम करने के लिए बड़ी संख्या में बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था। सजायाफ्ता बंदियों को भी पैरोल पर छोड़ा गया था। जो बंदी बचे हैं, उनसे मुलाकात पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। हर साल रक्षाबंधन के मौके पर बंदियों को राखी बांधने के लिए उनकी बहनें त्योहार के दिन जेल आती थीं, लेकिन इस बार कोई आयोजन नहीं हुआ। ऐसे में यह सवाल तो उठता ही है कि जेल में संक्रमण आखिर कैसे पहुंचा ?

बंदियों के संक्रमित पाए जाने के बाद कुछ दिक्कतें आ रही हैं। फिर भी उनके उपचार से लेकर आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था की जा रही है। जेल के अंदर संक्रमण पहुंचने की जांच कराई जाएगी। - डा. रामधनी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

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