लाइसेंस नहीं, फिर कहां से आ रही बारूद की खेप Gorakhpur News

गोरखपुर शहर के कोतवाली क्षेत्र में किसी के पास पटाखा बिक्री का लाइसेंस भी नहीं है फिर भी सप्ताह भर पूर्व पुलिस ने घोष कंपनी चौराहे से एक लाख रुपये की पटाखों के खेप के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 05 Nov 2020 11:57 AM (IST) Updated:Thu, 05 Nov 2020 11:57 AM (IST)
लाइसेंस नहीं, फिर कहां से आ रही बारूद की खेप Gorakhpur News
लाइसेंस न होने के बाद भी कई जगहों पर खुलेआम बिक रहे पटाखे। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर शहर के कोतवाली व राजघाट थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध पटाखों की बिक्री होती है। यहां पूर्व में कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। कोतवाली थाना क्षेत्र में किसी के पास पटाखा बिक्री का लाइसेंस भी नहीं है, फिर भी सप्ताह भर पूर्व पुलिस ने घोष कंपनी चौराहे से एक लाख रुपये की पटाखों के खेप के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा। सवाल यह है कि जब यहां किसी के पास लाइसेंस ही नहीं है तो पटाखों की खेप आ कहां से रही है?

बुधवार सुबह कुशीनगर जिले के कप्तानगंज कस्बे में पटाखे के अवैध गोदाम में विस्फोट होने से चार व्यक्तियों की मौत हो गई। बावजूद इसके पुलिस अभी तक अवैध पटाखा कारोबारियों के विरुद्ध बहुत गंभीर नहीं है। अभी यह तक नहीं पता चला सकि सप्ताहभर पूर्व पुलिस ने जो अवैध पटाखे की खेप पकड़ी थी, वह आई कहां से थी? कोतवाली क्षेत्र में दो बड़े कारोबारी अब डिफाल्टर की श्रेणी में आ चुके हैं। राजघाट थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति के पास लाइसेंस है, लेकिन उसका गोदाम भी थाना क्षेत्र में नहीं है। बावजूद इसके यहां पटाखे की खेप मिल रही है तो दो ही बातें हो सकती हैं। यहां अवैध रूप से पटाखा बनाया जा रहा हो अथवा मंगाया जा रहा हो।

क्षेत्रधिकारी कोतवाली वीपी सिंह ने बताया कि पुलिस सक्रिय है। इसी सक्रियता की देन है कि पिछले दिनों 15 कार्टेन पटाखे बरामद किए गए। कोतवाली थाना क्षेत्र में किसी के पास भी वर्तमान में पटाखों का लाइसेंस नहीं है। राजघाट में एक व्यक्ति के पास है, लेकिन उसका भी गोदाम बाहर है। अवैध रूप से कोई भी पटाखा तैयार करते अथवा बेचते पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।

घटनाओं पर एक नजर

30 अक्टूबर 2020:  कोतवाली पुलिस ने देव कुमार गौड़ के पास से 15 काटरून पटाखे बरामद किए। देव दाउदपुर में रहता है, लेकिन वह पटाखों के साथ कोतवाली क्षेत्र के घोष कंपनी चौराहे पर पकड़ा गया। इससे संभव है कि वहां पटाखों की सप्लाई देने जा रहा था या वहां से लेकर आ रहा था।

30 अक्टूबर 2018:  कोतवाली क्षेत्र के खूनीपुर स्थित एक पार्क में पटाखों से भरी मैजिक में धमाके के बाद आग लग गई। अचानक हुए धमाके से बाजार में भगदड़ मच गई थी।

13 अक्टूबर 2017:  प्रशासन और पुलिस की टीम ने कोतवाली के छोटे काजीपुर में पटाखे का अवैध गोदाम पकड़ा था।

21 अक्टूबर 2016:  क्राइम ब्रांच ने नखास चौक पर गोदाम से डेढ़ ट्रक पटाखे बरामद किया था।

23 अक्टूबर 2016:  राजघाट पुलिस ने दो गोदामों पर छापा डालकर एक डीसीएम से अधिक पटाखे बरामद किए थे।

जानिए क्या है मानक

बिजली के तार के नीचे और ट्रांसफार्मर के आसपास दुकान न हो।

दस दुकानों के समूह से इतनी ही दुकानों के दूसरे समूह के बीच 15 मीटर का फासला हो।

खुले पटाखों को बेचने की अनुमति नहीं होगी। दुकान में पांच किलो क्षमता का अग्निशमन उपकरण रखना होगा।

दुकान में बालू से भरी दो बाल्टियां, पानी भरे ड्रम के साथ ही दो बोरा अतिरिक्त बालू और बेल्चा भी रखना होगा।

दुकान में लालटेन, मोमबत्ती, लैंप या किसी भी चिराग का प्रयोग प्रतिबंधित होगा।

संवेदनशील हैं दर्जनभर मुहल्ले

शहर के अंदर पटाखों की बिक्री पर रोक हो, लेकिन तिवारीपुर, कोतवाली व राजघाट थाना क्षेत्र में करीब दर्जन भर मुहल्ले ऐसे हैं, जहां दीपावली से पूर्व बड़े पैमाने पर अवैध रूप से पटाखों का भंडारण किया जाता है। घनी आबादी वाले इन मुहल्लों में कोई भी घटना होने पर आसानी से नियंत्रण भी नहीं किया जा सकता है। मुख्य बाजार में स्थायी और अन्य इलाकों में अस्थायी लाइसेंस धारक ही पटाखे बेच सकते हैं। कोतवाली, राजघाट, गोरखनाथ और तिवारीपुर क्षेत्र के छोटे काजीपुर, नखास चौराहे के पास, रसूलपुर, हुमायूंपुर उत्तरी आदि स्थानों पर दीपावली से पूर्व ही बारूदों का ढेर जमा होता है। ये सघन आबादी वाले मुहल्ले हैं। जरा सी चूक होने पर लोगों को भारी खतरा हो सकता है।

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