जेल की बैरकों में अब नहीं छिपा पाएंगे मोबाइल

जेल से आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए प्रशासन जेलों में डीप सर्च मेटल डिटेक्टर लगाने की तैयारी कर रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 11:38 AM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 03:55 PM (IST)
जेल की बैरकों में अब नहीं छिपा पाएंगे मोबाइल
जेल की बैरकों में अब नहीं छिपा पाएंगे मोबाइल

गोरखपुर (रवि राय)। जेल की बैरकों में मोबाइल छिपाकर बंदी आसानी से बात नहीं कर पाएंगे। जेल में तलाशी व्यवस्था मजबूत करने के लिए यूपी की जेलों में डीप सर्च मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे। देवरिया जेल में दो डीप मेटल सर्च डिटेक्टर मिलेगा, जो एक फीट जमीन के अंदर छिपाए गए किसी भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस को खोज निकालेगा। दीवार के अंदर रखे गए मोबाइल को भी खोज निकालेगा। इससे अपराधियों के जेल से चलने वाले नेटवर्क को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी। इसके लिए शासन ने धन अवमुक्त कर दिया है।

दो-दो डीप सर्च मेटल डिटेक्टर लगेंगे

यूपी के 70 जेलों में दो-दो डीप सर्च मेटल डिटेक्टर लगाने की व्यवस्था की गई है। संयुक्त सचिव सूर्य प्रकाश ङ्क्षसह सेंगर ने इसकी जानकारी महानिरीक्षक कारागार प्रशासन को दी है। मशीनों की खरीदारी के लिए दो करोड़ नौ लाख की वित्तीय स्वीकृत भी मिल गई है। इससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था और चौकस होगी। बीते डेढ़ वर्ष में जिला कारागार पर शातिर बंदियों की कमांड हो गई है। बंदीरक्षकों की मिलीभगत से बदमाश तक मोबाइल आसानी से पहुंच रही है। जेल में बैठकर गैंग लीडर कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहे हैं।

जेलों में बरामद हो चुके हैं मोबाइल

माफिया जेल में बैठकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। जनवरी 18 से लेकर अगस्त माह तक जेल में जांच के दौरान पचास से अधिक मोबाइल विभिन्न बैरकों में बरामद हुआ। जेल से मोबाइल चलाने में चार मुकदमे कोतवाली में दर्ज कराए गए हैं। अगस्त 17 में देवरिया जेल से शातिर बदमाश सोनू सिंह ने गोरखपुर के डाक्टर ज्ञानेश नंदन लाल को धमकी दी। 30 दिसंबर 17 को प्रतापगढ़ के आसपुर देवसरा क्षेत्र के मुलायम यादव ने सुल्तानपुर निवासी अनूप शुक्ल से पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी। 10 दिसंबर को जेल में बंद रामाश्रय यादव ने बलिया में कारोबारी से रंगदारी मांगी थी।

अब तक यह थे सुरक्षा के इंतजाम

-जिला कारागार में मोबाइल नेटवर्क जाम करने के लिए छह जैमर लगाए गए हैं, जो टूजी नेटवर्क को जाम करते हैं।

-बंदियों की हरकत व गतिविधियों को देखने के लिए जेल परिसर समेत अन्य जगहों पर 31 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

-मुख्य गेट पर तलाशी के लिए एक डोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर लगा है।

-1705 बंदियों की रखवाली के लिए 56 बंदी रक्षक लगाए गए हैं।

डीप मेटल डिटेक्टर ऐसे करेगा काम

डीप मेटल डिटेक्टर को भी चार्ज किया जाता है। सिपाही उसे हाथ में पकड़कर बैरक व दीवारों पर घुमाएंगे। इलेक्ट्राङ्क्षनग डिवाइस से निकलने वाली तरंग, चुंबकीय धातु के माध्यम से डीप सर्च मेटल डिटेक्टर उसे खोज निकालेगा। इसके लिए बंदीरक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

देवरिया को मिले दो डीप मेडल डिटेक्टर

देवरिया के जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडेय ने कहा कि डीप मेटल डिटेक्टर लगने से जेल में मोबाइल पर पाबंदी लग सकती है। सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। दो डीप मेडल डिटेक्टर देवरिया को मिला है।

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