गोरखपुर में पकड़ी गई उत्तराखंड से मंगाई गई आठ लाख की नकली दवाएं Gorakhpur News
गोरखपुर में ड्रग विभाग ने छापा मारकर लगभग आठ लाख रुपये की नकली दवाएं पकड़ी है। हालांकि छापे के दौरान कारोबारी भाग निकला। विभाग का मानना है कि अब कड़ी से कड़ी जुड़ती चली जाएगी और जिले में चल रहे नकली दवा के कारोबार का पूरी तरह पर्दाफाश हो जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में चल रहे नकली दवा के काले कारोबार का सोमवार को पर्दाफाश हो गया। ड्रग विभाग ने सोमवार को अलीनगर में छापा मारकर लगभग आठ लाख रुपये की नकली दवाएं पकड़ी है। हालांकि छापे के दौरान कारोबारी भाग निकला। विभाग का मानना है कि अब कड़ी से कड़ी जुड़ती चली जाएगी और जिले में चल रहे नकली दवा के काले कारोबार का पूरी तरह पर्दाफाश हो जाएगा।
उत्तराखंड से मंगाई थीं नकली दवाएं
एक व्यापारी ने उत्तराखंड से नकली दवाएं मंगाई थीं। बिना बिल के उसने एक दूसरे व्यापारी को बेच दी। एक तीसरे व्यापारी ने उससे दवा खरीदकर लखनऊ के एक व्यापारी को भेज दिया। वहां जांच में दवा नकली मिलने पर उस व्यापारी ने उसे लौटा दिया। इस मामले में 18 लाख रुपये फंस जाने पर विवाद शुरू हुआ, इसके बाद यह मामला सामने आया। विभाग का मानना है कि पकड़ी गई दवाएं उसी काले कारोबार का हिस्सा हैं जो पिछले दिनों सामने आया था। हालांकि पूरी दवाएं सील कर कारोबारी के परिवार की अभिरक्षा में दे दी गई हैं और उनसे लाइसेंस व दवा का बिल प्रस्तुत करने को कहा गया है। दवाओं के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई है। छापे के दौरान सहायक औषधि आयुक्त एजाज अहमद, ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह, महराजगंज के ड्रग इंस्पेक्टर शिव कुमार नायक, जिला प्रशासन के एक अधिकारी व पुलिस बल मौजूद था।
अब दवाओं का पूरा काला कारोबार सामने आ जाएगा। विभाग की टीमें लगातार नकली दवाओं की तलाश कर रही हैं। कुछ कारोबारियों के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, उनका वेरीफिकेशन चल रहा है। गोरखपुर में पकड़ी गई आठ लाख की नकली दवाएं, उत्तराखंड से मगाई थीं
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में चल रहे नकली दवा के काले कारोबार का सोमवार को पर्दाफाश हो गया। ड्रग विभाग ने सोमवार को अलीनगर में छापा मारकर लगभग आठ लाख रुपये की नकली दवाएं पकड़ी है। हालांकि छापे के दौरान कारोबारी भाग निकला। विभाग का मानना है कि अब कड़ी से कड़ी जुड़ती चली जाएगी और जिले में चल रहे नकली दवा के काले कारोबार का पूरी तरह पर्दाफाश हो जाएगा।
उत्तराखंड से मंगाई थीं नकली दवाएं
एक व्यापारी ने उत्तराखंड से नकली दवाएं मंगाई थीं। बिना बिल के उसने एक दूसरे व्यापारी को बेच दी। एक तीसरे व्यापारी ने उससे दवा खरीदकर लखनऊ के एक व्यापारी को भेज दिया। वहां जांच में दवा नकली मिलने पर उस व्यापारी ने उसे लौटा दिया। इस मामले में 18 लाख रुपये फंस जाने पर विवाद शुरू हुआ, इसके बाद यह मामला सामने आया। विभाग का मानना है कि पकड़ी गई दवाएं उसी काले कारोबार का हिस्सा हैं जो पिछले दिनों सामने आया था। हालांकि पूरी दवाएं सील कर कारोबारी के परिवार की अभिरक्षा में दे दी गई हैं और उनसे लाइसेंस व दवा का बिल प्रस्तुत करने को कहा गया है। दवाओं के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई है। छापे के दौरान सहायक औषधि आयुक्त एजाज अहमद, ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह, महराजगंज के ड्रग इंस्पेक्टर शिव कुमार नायक, जिला प्रशासन के एक अधिकारी व पुलिस बल मौजूद था।
अब दवाओं का पूरा काला कारोबार सामने आ जाएगा। विभाग की टीमें लगातार नकली दवाओं की तलाश कर रही हैं। कुछ कारोबारियों के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, उनका वेरीफिकेशन चल रहा है। - एजाज अहमद, सहायक औषधि आयुक्त
नकली दवाएं बेचना अमानवीय है। जनता की जरूरतों से खेलने वालों को सजा होनी ही चाहिए। काले कारोबारियों के साथ कभी भी एसोसिएशन खड़ा नहीं हो सकता, बल्कि ऐसे लोगों को सजा दिलाने में सहयोग करेगा। - संजय उपाध्याय, अध्यक्ष, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन
नकली दवाएं बेचना अमानवीय है। जनता की जरूरतों से खेलने वालों को सजा होनी ही चाहिए। काले कारोबारियों के साथ कभी भी एसोसिएशन खड़ा नहीं हो सकता, बल्कि ऐसे लोगों को सजा दिलाने में सहयोग करेगा। - संजय उपाध्याय, अध्यक्ष, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन