बनारस व कोलकाता के फूलों से महकेगी गोरखपुर की दीवाली Gorakhpur News

कमल के फूलों की कीमत इस बार चढ़ी हुई है। इसलिए कम मंगाए गए हैं। व्यापारियों ने कोलकाता से केवल 200 कमल के फूल मंगाए हैं। इनकी कीमत 60 से 65 रुपये है। बिल्कुल कमल की तरह दिखने वाला कोइया का फूल बनारस से मंगाया गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 02:08 PM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 02:08 PM (IST)
बनारस व कोलकाता के फूलों से महकेगी गोरखपुर की दीवाली Gorakhpur News
दुकान पर फूल की खरीदारी करतीं महिलाएं।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना शुरू होने के बाद पहली बार फूल व्यापारियों में उत्साह नजर आ रहा है। दीवाली के मद्देनजर लगभग 80 हजार गेंदा की मालाएं बनारस व कोलकाता से मंगाई गई हैं। पिछले वर्ष भी इसी मात्रा में मालाएं आई थीं।

आठ माह बाद फूलों के बाजार का रंग चटख

आठ माह बाद फूलों के बाजार का रंग चटख हुआ है। इसके पहले नवरात्र व दशहरा में यह बाजार कोरोना की भेंट चढ़ गया था। इस बार महामारी के कम होने तथा लोगों का त्योहारों के प्रति उत्साह देखकर व्यापारियों ने बड़ी मात्रा में फूल मंगाने का साहस किया है। खरीदारी उनकी उम्मीद पर खरा उतर रहे है। धनतेरस पर बड़ी संख्या में लोगों ने खरीदारी की। जगह-जगह चौराहों पर फूलों की दुकानें सजी रहीं। सुबह व शाम दुकानों पर भीड़ लगी रही।

इस बार थोड़ी महंगी हैं मालाएं

पिछले साल की अपेक्षा इस बार गेंदा की मालाएं थोड़ी महंगी हैं। व्यापारियों के अनुसार पिछली दीवाली फूलों के सीजन में पड़ी थी। इस साल एक माह देर हो गई है। इस वजह से फूल महंगे मिले हैं। बड़ी माला 30 रुपये व छोटी माला 15 रुपये में मिल रही है। पिछले साल इनकी कीमत क्रमश: 25 व 10 रुपये थी।

महंगा होने के नाते कम मंगाए गए कमल के फूल

कमल के फूलों की कीमत इस बार चढ़ी हुई है। इसलिए कम मंगाए गए हैं। व्यापारियों ने कोलकाता से केवल 200 कमल के फूल मंगाए हैं। इनकी कीमत 60 से 65 रुपये है। बिल्कुल कमल की तरह दिखने वाला कोइया का फूल बनारस से मंगाया गया है। यह 20 रुपये में मिलेगा।

क्‍या कहते हैं कारोबारी

हजारीपुर के फूल कारोबारी जितेंद्र सैनी का कहना है कि इस बार दिल्ली में फूल खत्म हो गए हैं। बनारस व कोलकाता से मंगाए गए हैं। मुंबई भी आर्डर भेजा गया था लेकिन समुचित यातायात की दिक्कत के चलते वहां से आ नहीं पाया। वहीं मोहद्दीपुर के फूल कारोबारी मुकेश सैनी का कहना है कि बहुत दिन के बाद फूलों का बाजार गुलजार हुआ है। लंबे समय से व्यापार चौपट हो गया था। दीवाली खुशियां लेकर आई है। लोगों का उत्साह देखकर बड़ी मात्रा में फूल मंगाए गए हैं।

chat bot
आपका साथी