वाटर सप्‍लाई होने के बावजूद यहां आज भी कुएं का पीया जाता है पानी, जानें-क्‍या है वजह Gorakhpur News

उड़ीसा के प्रसिद्ध पुरी मंदिर की तर्ज पर बने भगवान जगन्नाथ के इस मंदिर में न सिर्फ कुएं का पानी पीया जाता है बल्कि स्नान व भोजन आदि की व्यवस्था भी इसी जल से होती है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Oct 2019 04:56 PM (IST) Updated:Thu, 24 Oct 2019 07:00 PM (IST)
वाटर सप्‍लाई होने के बावजूद यहां आज भी कुएं का पीया जाता है पानी, जानें-क्‍या है वजह Gorakhpur News
वाटर सप्‍लाई होने के बावजूद यहां आज भी कुएं का पीया जाता है पानी, जानें-क्‍या है वजह Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले के बड़हरा महंथ स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर जल संरक्षण की मिसाल पेश कर रहा है। 233 वर्ष पुराने इतिहास का साक्षी रहा यह मंदिर आज भी पुरानी परंपरा का निर्वहन कर रहा है। उड़ीसा के प्रसिद्ध पुरी मंदिर की तर्ज पर बने भगवान जगन्नाथ के इस मंदिर में न सिर्फ कुएं का पानी पीया जाता है , बल्कि स्नान व भोजन आदि की व्यवस्था भी इसी जल से होती है। मान्यता है कि इस कुएं का पानी पीने से भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

1786 में हुई थी मंदिर की स्थापना

निचलौल तहसील के ग्रामसभा बड़हरा महंथ में सन 1786 में भगवान जगन्नाथ मंदिर की स्थापना हुई थी। उसी समय से यहां मंदिर परिसर में इस कुएं का अस्तित्व हैं। वर्ष 1933 में मंदिर के जीर्णोद्धार के समय इसका भी सुंदरीकरण कराया गया। तब से गांव व मठ के सभी लोग इससे जल ले जाते हैं। बदलते समय में नल ने लोगों को कुएं से दूर कर दिया,  लेकिन यहां मंदिर में आज भी परंपरागत ढंग से कुएं के पानी का उपयोग हो रहा है।

समय-समय पर होती है पानी की जांच

मठ के महंथ संकर्षण रामानुज दास बताते हैं कि मंदिर के कुएं के पानी की जांच हर छह माह पर कराई जाती है। समय समय पर इसकी साफ सफाई भी होती है। इसके अलावा मंदिर के बाहर सरकारी हैंडपंप व सप्लाई के पानी की भी व्यवस्था हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्‍कत न हो। हैंड पंप और वाटर सप्‍लाई की व्‍यवस्‍था सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए है, लेकिन मंदिर के अंदर सभी कार्य कुएं के जल से ही होते हैं। भगवान जगन्‍नाथ के स्‍नान से लेकर सभी धार्मिक कार्य किए जाते हैं।

श्रद्धालु भी करते हैं कुएं के जल का सेवन

मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भी कुएं का जल का सेवन करते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह पवित्र मंदिर है। मंदिर के कुएं का जल जब भगवान जगन्‍नाथ के मंदिर में चढ़ता है तो हम भला मनुष्‍यों के लिए क्‍यों नहीं उपयोगी हो सकता है।  जब मंदिर के सभी कार्य में कुएं के जल का ही प्रयोग होता है तो भला श्रद्धालु क्‍यों ने कुएं का जल ग्रहण करें। 

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