बाहर से आए लोगों में छह फीसद हो सकते हैं कोरोना संक्रमित, प्रशासन ने जताई आशंका Gorakhpur News

प्रशासन के मुताबिक एक संक्रमित व्यक्ति एक माह में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए भी जिला प्रशासन लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की अपील कर रहा है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 08:00 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 08:00 PM (IST)
बाहर से आए लोगों में छह फीसद हो सकते हैं कोरोना संक्रमित, प्रशासन ने जताई आशंका Gorakhpur News
बाहर से आए लोगों में छह फीसद हो सकते हैं कोरोना संक्रमित, प्रशासन ने जताई आशंका Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बाहर से आ रहे लोगों में से छह फीसद में संक्रमण की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन के मुताबिक एक संक्रमित व्यक्ति एक माह में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए भी जिला प्रशासन लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की अपील कर रहा है क्योंकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति ठीक होने के बाद पुन: संक्रमित हो सकता है।

हवा लेने के लिए घर से बाहर निकला भी खतरनाक

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा है कि मूवमेंट जितना कम होगा संक्रमण की संभावना भी उतनी कम होगी। जरूरी काम के लिए ही बाहर निकलें और काम होते ही घर लौट जाएं। बहुत सारे लोग हवा लेने के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं, ऐसे लोगों में भी संक्रमण बढऩे के ज्यादा आसार हैं। ऐसे लोग स्वयं के साथ ही अपने परिवार के लोगों का जीवन भी खतरे में डाल रहे हैं।

गोरखपुर में दो हजार अतिरिक्त बेड आरक्षित

जनपद में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से अलर्ट जिला प्रशासन ने गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय समेत अन्य स्थानों पर दो हजार बेड अतिरिक्त आरक्षित कर लिया है। रेलवे अस्पताल में दो सौ बेड की व्यवस्था पहले से ही मौजूद है। इसके अलावा लोहिया आवास में एक हजार बेड, दौलतपुर के मूक बधिर विद्यालय तीन सौ व गुरु गोरक्षनाथ में 150 बेड का इंतजाम किया जा रहा है। कैंपियरगंज के एक नर्सिंग होम में भी 150 बेड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दो अन्य जगहों पर दो-दो सौ बेड की व्यवस्था की गई है।

सुविधाओं से लैस है अस्‍पताल

कोविड केयर सेंटर के रूप में स्थापित इन जगहों पर आक्सीजन की सुविधा के साथ अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जिला प्रशासन ने 60 साल से ऊपर और पांच साल से छोटे ब'चों को ही बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती करने का आदेश दिया है। अन्य लोगों को इन्हीं अस्पतालों में रखा जाएगा। तारामंडल स्थित कांशीराम आवास के बगल में स्थित लोहिया आवास में पर्याप्त मात्रा में जगह उपलब्ध है। यहां पर डाक्टरों के रहने की भी व्यवस्था की गई है।

14 दिन पर शिफ्ट हो रही डाक्टरों की टीम

एक्टिव क्वारंटाइन के वक्त टीम को मरीज के आसपास ही रुकना होता है यानि इन्हें होटल जाने की भी इजाजत नहीं होती है। 14 दिन के बाद टीम शिफ्ट होती है और दूसरी टीम आती है। इस तरह पहली टीम को होटल में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाता है। जिला प्रशासन ने जांच में शामिल डाक्टरों की टीम को होटलों में रुकने का इंतजाम किया है। डीएम के मुताबिक डॉक्टरों को होटल रेडिसन, क्लार्क, रेडिएंट और होटल विवेक में रुकवाया जा रहा है। जांच टीम में 15 से 30 लोग होते हैं जिसमें डॉक्टर से लेकर चतुर्थ श्रेणी के लोग शामिल हैं। 

chat bot
आपका साथी