जाबांज व रहमदिल पुलिस की कहानी पर बच्‍चे बनाएंगे शार्ट मूवी, इंटरनेट मीडिया पर होगा प्रसारण Gorakhpur News

पुलिस के ये इंटरनेटमीडिया वालेंटियर पुलिस के अच्छे कार्यों को लेकर मूवी तैयार करेंगे। मूवी के लिए पुलिस बच्चों को अपनी रीयल कहानी बताएगी। जरूरत पडऩे पर उन्हें विजुअल उपलब्ध कराएगी। पीडि़त व पुलिस वीडियो फुटेज भी बच्चों को उपलब्ध कराएगी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 09:10 AM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 03:58 PM (IST)
जाबांज व रहमदिल पुलिस की कहानी पर बच्‍चे बनाएंगे शार्ट मूवी, इंटरनेट मीडिया पर होगा प्रसारण Gorakhpur News
उत्‍तर प्रदेश पुलिस की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जितेंद्र पाण्डेय। कानपुर के बिकरू कांड हो, बस्ती के लूट करने वाले दारोगा, महराजगंज के कुकर्मी इंस्पेक्टर ने पुलिस को बदनाम करके रख दिया। तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस अपनी इमेज बदलने में विफल है। ऐसे में गोरखपुर जोन पुलिस एक नया प्रयोग करने जा रही है। वह ऐसे बच्चों का चयन करने जा रही है जो इंटरनेट मीडिया पर मूवी के जरिये जाबांज व रहमदिल पुलिस की कहानी लेकर आएगी।

पुलिस के ये इंटरनेटमीडिया वालेंटियर पुलिस के अच्छे कार्यों को लेकर मूवी तैयार करेंगे। मूवी के लिए पुलिस बच्चों को अपनी रीयल कहानी बताएगी। जरूरत पडऩे पर उन्हें विजुअल उपलब्ध कराएगी। पीडि़त व पुलिस वीडियो फुटेज भी बच्चों को उपलब्ध कराएगी। बच्चे इनसे एक ऐसी कहानी तैयार करेंगे जो लोगों को प्रेरित कर सके। इससे लोगों के बीच पुलिस की अच्छी इमेज तो बनेगी ही, बच्चों की भी तकनीकि क्षमता विकसित होगी। आगे चलकर पुलिस इन बच्चों को प्रशिक्षण भी दिलवाएगी। ताकि आगे चलकर यह बच्चे मूवी मेकिंग की फील्ड जाना चाहे तों उन्हें आसानी है। पुलिस की अच्छी कहानियां बच्चों को भी प्रेरित करेंगी। बच्चे अभी से जान सकेंगे कि पुलिस कैसे काम करती है। पुलिस को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बच्चे आगे चलकर यदि पुलिस में जाना चाहें तो उन्हें तैयारी में आसानी हो।

वेबसाइट पर बच्चों को क्रेडिट भी देगी पुलिस

पुलिस बच्चों द्वारा तैयार की गई मूवी का प्रसारण अपनी अधिकारिक वेबसाइट, ट्विटर, यू-टयूब, फेकबुक आदि पर करेगी। इस पर पुलिस बच्चों को क्रेडिट भी देगी। बता दें कुछ दिन पूर्व पुलिस ने इंटरनेट मीडिया वालेटिंयर के लिए लोगों से आवेदन मांगा था। अब तक तीन सौ से अधिक आवेदन पुलिस के पास आ चुके हैं। इनमें 89 बच्चे(13 से 15 आयु वर्ष के) हैं। इन बच्चों ने दावा किया है कि वह वीडियो शूट व फिल्म मेकिंग के लिए तकनीकि रूप से दक्ष हैं। पुलिस इन्हीं बच्चों का उपयोग शार्ट मूवी बनाने के लिए करेगी। यह मूवी एक से डेढ़ मिनट की होगी। बच्चे को माह में अधिकतम एक या दो मूवी तैयार करना होगा।

यह कहानियां आ सकेंगी लोगों के सामने

15 दिन पूर्व देवरिया जिले में एक महिला सड़क पर प्रसव पीड़ा से कराहने लगी। पुलिस की उस पर नजर पड़ी तो वह उसे जिला अस्पताल लेकर गई। वहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। उसने अपने बच्चे का नाम सिपाही रखा है। रहमदिल पुलिस की ऐसी तमाम कहानियां अभी तक सभी के सामने नहीं आ सकी हैं। बच्चों की शार्ट मूवी से ही पुलिस ऐसी ही कहानियों को लोगों के सामने लेकर आएगी। अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार का कहना है कि बच्चे पुलिस के साथ जुड़कर पुलिस की अच्छी कहानियों को लोगों के बीच में लाएंगे ही, उनकी भी प्रतिभा विकसित होगी। पुलिस के द्वारा उन्हें एक बड़ा मंच मिलेगा। मूवी के लिए बच्चों को क्रेडिट दिया जाएगा। ताकि आगे चलकर बच्चा फिल्म मेकिंग सहित अन्य क्षेत्रों में जाना चाहे तो उसके लिए सुविधा हो।

chat bot
आपका साथी