उज्जवला योजना के लाभार्थियों से फीडबैक जुटा रही सीबीआइ Gorakhpur News

इंडियन ऑयल के सीनियर मैनेजर मुनीश गुप्ता का कहना है कि सीबीआइ की टीम आइ है। टीम हर जिले में उपभोक्ताओं से मिलकर केवल फीडबैक ले रही है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 05 Mar 2020 10:09 PM (IST) Updated:Thu, 05 Mar 2020 10:09 PM (IST)
उज्जवला योजना के लाभार्थियों से फीडबैक जुटा रही सीबीआइ Gorakhpur News
उज्जवला योजना के लाभार्थियों से फीडबैक जुटा रही सीबीआइ Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मिले गैस कनेक्शन की हकीकत जानने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम सीधे लाभार्थियों से मिलकर फीडबैक जुटा रही है। उज्जवला के तहत कनेक्शन देने में कई तरह की शिकायतों के बाद जमीनी हकीकत जानने का जिम्मा सीबीआइ को दिया गया है। यह टीम हर जिले में जाकर बड़ी संख्या में कनेक्शन जारी करने वाली एजेंसियों के उपभोक्ताओं से संपर्क कर रही है।

यहां पहुंची टीम, ली जानकारी

सीबीआइ की दो सदस्यीय टीम गोरखपुर पहुंची थी। सूरजकुंड एवं पीपीगंज में गैस एजेंसियों पर जाकर वहां के उपभोक्ताओं से मुलाकात की और फीडबैक लिया। जानकारी के अनुसार आशीष इंडेन गैस सर्विस पीपीगंज से करीब चार हजार से अधिक कनेक्शन बांटे गए हैं। सीबीआइ ने बनकटवा, बालौहा, हरपुर, तिघरा, पीपीगंज व साहबगंज समेत कई गांवों में जाकर सीता देवी, मल्लू शर्मा, रेनू सिंह, रघुवंश, उदय प्रताप, शीला देवी, सुनीता देवी, मीना देवी, रंभा देवी, सुंदरी देवी व धामा आदि उपभोक्ताओं से पूछताछ की।

देवरिया भी पहुंची सीबीआइ टीम

एजेंसी के प्रोपराईटर पवन कुमार वर्मा के अनुसार उज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने वाले लोगों के पात्र और अपात्र की जांच चल रही है। इसके बाद सीबीआइ की टीम शुक्रवार की सुबह देवरिया जिले के बैतालपुर स्थित बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) के डिपो पहुंची और वहां जानकारी जुटाई। इसके बाद गौरीबाजार के धतूराखास मूरत स्थित एचपी गैस सर्विस व गौरीबाजार में बीपीसीएल के विद्या भारत गैस सर्विस गई और लाभार्थियों से बात की। टीम के वहां से कुशीनगर जाने की संभावना है। 

गलत कनेक्शन देने पर उठ चुके हैं सवाल

उज्जवला योजना के तहत अपात्र लोगों को कनेक्शन देने को लेकर सवाल उठ चुके हैं। सीबीआइ की टीम यह पता लगाने में जुटी है कि योजना के क्रियान्वयन में कमी कहां रह गई? जमीनी स्तर पर योजना कितनी सफल है? उपभोक्ताओं की ओर से रीफिलिंग में रुचि क्यों नहीं ली जा रही? सूत्रों की मानें तो गोरखपुर में पड़ताल के दौरान कुछ लोगों ने आर्थिक तंगी के कारण रीफिलिंग न कराने की बात कही तो कुछ उपभोक्ताओं ने योजना के दौरान पैसा लेने की शिकायत की है।

गोरखपुर में 2.44 लाख परिवारों को मिला है लाभ

गोरखपुर जनपद में इस योजना के तहत दो लाख 44 हजार 519 परिवारों को लाभ मिला। विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान तेजी से कनेक्शन दिए गए थे। तेजी के चक्कर में कई अपात्रों को भी कनेक्शन मिल गए।

यह किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं

इस संबंध में इंडियन ऑयल के सीनियर मैनेजर मुनीश गुप्ता का कहना है कि सीबीआइ की टीम आइ है। पूरी पारदर्शिता के साथ कनेक्शन वितरित किए गए हैं। टीम हर जिले में उपभोक्ताओं से मिलकर केवल फीडबैक ले रही है। यह किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं है।

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