सर्वहितकारी थियोसॉफिकल लॉज से प्रशासन ने खाली कराई नजूल की जमीन

नजूल की जमीन पर बने सर्वहितकारी थियोसॉफिकल लॉज को प्रशासन ने खाली करा दिया है। उसका इस्तेमाल व्यासायिक उपयोग में होने जा रहा था।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Feb 2019 05:28 PM (IST) Updated:Sat, 02 Feb 2019 05:28 PM (IST)
सर्वहितकारी थियोसॉफिकल लॉज से प्रशासन ने खाली कराई नजूल की जमीन
सर्वहितकारी थियोसॉफिकल लॉज से प्रशासन ने खाली कराई नजूल की जमीन

गोरखपुर, जेएनएन। नजूल की जमीन (जिला प्रशासन की जमीन) पर बने सर्वहितकारी थियोसॉफिकल लॉज को जिला प्रशासन ने खाली करा लिया है। सिटी मजिस्ट्रेट अजीत कुमार सिंह की अगुवाई में पहुंची प्रशासन, निगम और पुलिस की टीम ने लॉज में रखी किताब, फर्नीचर व अन्य सामानों को एक कमरे में रखवाकर सील कर दिया है। सोसाइटी ने प्रशासन की तरफ से उठाए गए इस कदम को एकपक्षीय बताया है।

थियोसॉफिकल सोसाइटी ने नजूल की जमीन को फ्री होल्ड कराने के लिए जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन के पास आवेदन किया था। प्रशासन को मिली रिपोर्ट के अनुसार इस जमीन को जिस उद्देश्य के लिए सोसाइटी को दिया गया था, उसके साथ-साथ वहां पर कुछ व्यावसायिक गतिविधियां भी होने लगी थीं, जिसके चलते पट्टे इसे फ्री होल्ड नहीं किया गया। डीएम ने सोसाइटी के आवेदन को निरस्त करते हुए 30 जनवरी तक जमीन खाली कराने के निर्देश दे दिए थे। एक दिन का अतिरिक्त समय देते हुए एक फरवरी को डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट अजीत कुमार सिंह ने नगर निगम और पुलिस टीम के साथ शुक्रवार को थियोसॉफिकल लॉज खाली करा दिया। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि लॉज को खाली कराने से पहले सोसाइटी के एक स्थानीय सदस्य को सूचना दी गई थी, लेकिन कोई मौके पर नहीं आया। नतीजतन सभी सामान को एक कमरे में रखकर उसे सील कर दिया गया। इस दौरान अपर नगर आयुक्त, उप नगर आयुक्त और इंस्पेक्टर समेत बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद रही।

उधर संस्था के स्थानीय अध्यक्ष एसडीआर मिश्र और मंत्री राय अजय राय ने बताया कि 1890 में स्थापित संस्था मानवीय विकास के साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र में काम कर रही है। संस्था का मुख्य केंद्र वाराणासी में हैं, प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ वहां के पदाधिकारी हाइकोर्ट गए हैं। इसकी जानकारी होने के बावजूद प्रशासन ने एकपक्षीय कार्रवाई की है।

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