एंबुलेंस से कैराना ले जा रहे थे 24 किलो चरस, एसटीएफ ने दबोचा

एक ट्रिप के मिलते थे 40 हजार रुपये, नेपाल से एंबुलेंस में लाते थे चरस

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 May 2018 10:35 AM (IST) Updated:Thu, 17 May 2018 10:35 AM (IST)
एंबुलेंस से कैराना ले जा रहे थे 24 किलो चरस, एसटीएफ ने दबोचा
एंबुलेंस से कैराना ले जा रहे थे 24 किलो चरस, एसटीएफ ने दबोचा

गोरखपुर : एसटीएफ की गोरखपुर इकाई और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त दो युवकों को खोराबार में रामनगर कड़जहां के पास से गिरफ्तार किया है। वे एंबुलेंस के जरिये चरस की तस्करी करते थे। उनके पास से 24 किलो 500 ग्राम चरस बरामद हुई है। नेपाल से नशे का सामान लेकर वे कैराना, शामली जा रहे थे। दोनों के संबंध अंतरराष्ट्रीय गिरोह से है। पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी मिली है।

गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान सुल्तानपुर के ओदरा निवासी मोहम्मद सोहराब व सुल्तानपुर के सिटी फैशन गली निवासी कादिर अहमद उर्फ जुगनू के रूप में हुई है। उनके पास से 24 किलो 500 ग्राम चरस, एंबुलेंस, एक पैन कार्ड, दो डीएल व एक मतदाता पहचान पत्र, दो आधार कार्ड व 1500 रुपये नकद बरामद हुए हैं।

इस तरह हुई गिरफ्तारी

एसटीएफ गोरखपुर को इस संबंध में सूचना मिली थी। इसके बाद लखनऊ से आई एनसीबी की टीम एसटीएफ के साथ तस्करों के नेटवर्क की जानकारी एकत्र करने में जुट गई। पता चला कि अंतरराष्ट्रीय गिरोह के दो सदस्य एंबुलेंस से नेपाल से चरस की बड़ी खेप लेकर गोरखपुर से सुल्तानपुर होते हुए कैराना, शामली जाते हैं। इसी आधार पर एसटीएफ के इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह और एनसीबी लखनऊ के आसूचना अधिकारी जीतेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने रामनगर कड़जहां में फोरलेन से होकर गुजर रही एंबुलेंस को पकड़कर चरस की खेप बरामद की।

नेपाल में सगे भाई उपलब्ध कराते हैं चरस की खेप

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि नेपालगंज, नेपाल में असगर और शराफत नाम के दो सगे भाई चरस की खेप उपलब्ध कराते हैं। दोनों भाई लंबे समय से तस्करी के धंधे में लिप्त है। चरस की खेप कैराना में माजिद और डा. अरशद के पास पहुंचाई जाती थी। माजिद और डा. अरशद चरस की खेप कारोबारियों तक पहुंचाकर मोटी रकम वसूलते थे।

एक बार खेप पहुंचाने के बदले मिलते थे 40 हजार रुपये

मोहम्मद सोहराब और कादिर वर्ष 2008 से नेपाल से चरस की खेप कैराना पहुंचाने के धंधे में लगे थे। एक बार चरस की खेप पहुंचाने के बदले उन्हें 40 हजार रुपये मिलते थे। कई बार पुलिस को धोखा देने के लिए अपने एक अन्य दोस्त को वे एंबुलेंस में मरीज की तरह लेटा देते थे। मरीज बनकर एंबुलेंस से यात्रा करने के बदले दोस्त को 10 हजार रुपये मिलते थे।

मालिक से झूठ बोलकर लेते थे एंबुलेंस

नशे का सामान पहुंचाने का आर्डर मिलने पर मोहम्मद सोहराब और कादिर, मरीज पहुंचाने के बहाने एक परिचित एंबुलेंस मालिक से रियायती भाड़े पर एंबुलेंस लेते थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि नशे का सामान पहुंचाने के बाद एंबुलेंस मालिक को तय भाड़ा दे देते थे।

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