..और खुले मैदान में भागे लोग

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : भूकंप के खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले झटके के बाद लोग घर

By Edited By: Publish:Sun, 26 Apr 2015 01:45 AM (IST) Updated:Sun, 26 Apr 2015 01:45 AM (IST)
..और खुले मैदान में भागे लोग

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : भूकंप के खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले झटके के बाद लोग घरों, दुकानों से बाहर निकल आए और खुले मैदानों की ओर इस कदर बदहवास भागने लगे मानों मौत उनका पीछा कर रही है। देखते-देखते घनी आबादी वाले मोहल्लों के मकानों में सन्नाटा पसर गया और खुले मैदान महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गो और युवाओं से पट गए।

किसी को घर-दुकान, सामान की फिक्र नहीं, सभी को जान बचाने की चिंता रही। सुबह 11 बजकर 4़0 मिनट पर भूकंप का पहला झटका आने पर पांव हिलना, सामानों का डगमगाना, मकानों का डोलना देखने के बाद लोगों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई और जो जिस पोशाक में रहा, उसी में चौखट से बाहर आ गया।

बच्चे, बुजुर्ग, लड़कियां, महिलाएं बदहवास सड़कों पर दौड़ते नजर आए। हर क्षण हाथों में रहने वाला मोबाइल तक हड़बड़ी में घरों-दुकानों में छूट गया, इससे लोग एक-दूसरे के संपर्क से भी कट गए, इससे लोगों में और भी बदहवासी छायी रही।

जान बचाने के लिए घरों-दुकानों से निकले लोगों से सभी स्कूलों के परिसर, मैदान पूरे दिन भरे रहे। भूकंप के कई झटके आने के बाद लोग अपने घरों में लौटने का साहस नहीं कर पा रहे थे। देर शाम घरों को लौटे भी तो चेहरे पर खौफ था।

---

बगैर खाए-पिए गुजरा दिन

- सुबह का समय होने के कारण अधिकतर घरों में अभी महिलाएं खाना बना रही थी। अभी कुछ बन पाया था तो कुछ चूल्हे पर चढ़ा था, जैसे ही भूकंप का झटका आया चूल्हे को बंद कर परिवार के सदस्यों के साथ घर से बाहर मैदान में आ गई। कुछ लोगों को दिन का भोजन भी नसीब नहीं हुआ। मैदानों में भूख से बच्चे व सयाने तक व्याकुल दिखे और बिस्कुट, नमकीन से काम चलाया। लोगों को बाजार में पूड़ी, कचौड़ी तक नहीं मिली, कारण भूकंप के झटके के बाद छोटी से लेकर बड़ी दुकानें भी धड़ाधड़ बंद हो गई। हर कोई अपने परिवार को सुरक्षित करने में लगा रहा।

chat bot
आपका साथी