इस मर्ज का यहां नहीं इलाज

By Edited By: Publish:Tue, 02 Sep 2014 02:00 AM (IST) Updated:Tue, 02 Sep 2014 02:00 AM (IST)
इस मर्ज का यहां नहीं इलाज

जागरण संवाददाता, गोरखपुर :

पूर्वाचल के कुशीनगर जिला निवासी चंद्रभान के पुत्र मंजेश के जन्म से ही दोनों पैर की उंगलियां विकसित नहीं हैं। दाहिने पैर में मांस गायब था। बच्चे के पैदा होने पर विकृति को माता-पिता ने देखा पर उनको बीमारी की गंभीरता का अंदाजा नहीं था। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता गया उसके दाएं पैर की नसें दबने लगी जिससे दाहिने पैर में सूजन होने लगा व पैर सुन्न होने लगा। पैर में तेज दर्द होने लगा। परिजन बच्चे को लेकर बीआरडी मेडिकल कालेज के हड्डी विभाग में पहुंचे। यहां आर्थोसर्जन डा. इमरान अख्तर ने जांच की और बताया कि यदि इलाज में देर हुई तो पैर काटना पड़ सकता है। आपरेशन करके नसों को खोलने की जरूरत है, तभी इसकी समस्या दूर हो सकेगी। इसके लिए वैस्कुलर सर्जन की जरूरत पड़ेगी जो गोरखपुर मेडिकल कालेज में नहीं हैं। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए बच्चे को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर कर दिया गया।

इस तरह की बीमारी से पीड़ित मंजेश कोई अकेला नहीं है। सिर्फ मेडिकल कालेज में हर महीने ऐसे करीब पचीस मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। निजी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों को जोड़ दें तो यह संख्या इससे काफी अधिक हो जाती है, लेकिन इलाज की सुविधा नहीं होने से ऐसे मरीजों को बाहर रेफर करना पड़ता है।

यह नहीं है सुविधा

बीआरडी मेडिकल कालेज के हड्डी रोग विभाग के डा. इमरान अख्तर का कहना है कि आपरेशन कर बच्चे की पैर की नसों का खोलने की जरूरत है। ऐसी सर्जरी के लिए वैस्कुलर सर्जन की जरूरत होती है जो यहां नहीं है। हर हफ्ते बीआरडी मेडिकल कालेज में इस तरह के छह से सात मरीज आते हैं जिनको बाहर रेफर करना पड़ता है।

एम्स के लिए मुख्यमंत्री को पत्र

पूर्वाचल एम्स सत्याग्रह समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गोरखपुर में एम्स के निर्माण के लिए जमीन देने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है पूर्वाचल में इंसेफ्लाइटिस से हर साल भारी तादाद में मौत होती है। जो बच जाते हैं वह विकलांग हो जाते हैं। यह सिलसिला पिछले पैंतीस वर्षो से चल रहा है। इससे निपटने में मेडिकल कालेज सक्षम नहीं है यहां संसाधनों का घोर अभाव है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से कहा गया है कि उन्होंने कहा था कि यदि प्रदेश में कोई दूसरा एम्स बनेगा तो वह गोरखपुर में होगा। मुख्यमंत्री से एम्स के लिए गोरखपुर में दो सौ एकड़ भूमि व पानी उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

ज्ञापन समिति के अध्यक्ष जीपी त्रिपाठी, संयोजक अंजनी शुक्ला, उपाध्यक्ष विनीत मल्ल, महामंत्री नारद यादव सहित कई लोगों के हस्ताक्षर हैं।

एम्स के लिए पीएम को पोस्ट कार्ड

विशिष्ठ बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश मंत्री व जिलाध्यक्ष तारकेश्वर शाही के नेतृत्व में शिक्षकों ने गोरखपुर में एम्स की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री संजय राज सिंह, भारतेंदु यादव, नीरज शाही, रणविजय सिंह, पवन पांडेय, राम सेवक, अखिलेश्वर मिश्र सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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