सवालों के घेरे में डीएसओ कार्यालय की कार्यशैली

निलंबित किए गए पूर्ति निरीक्षक के पक्ष में दिख रहे कई अधिकारी डीएसओ बोले-हो रही पेशबंदी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 09:53 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 09:53 PM (IST)
सवालों के घेरे में डीएसओ कार्यालय की कार्यशैली
सवालों के घेरे में डीएसओ कार्यालय की कार्यशैली

गोंडा : दो दिन पहले अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित किए गए पूर्ति निरीक्षक महेश प्रसाद की कार्रवाई को लेकर जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय सवालों के घेरे में आ गया है। एक तरफ जहां उसके पक्ष में कई अधिकारी खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं डीएसओ इसे पेशबंदी मान रहे हैं।

बताया जाता है कि विभागीय कार्यों में शिथिलता के आरोप में बीते मार्च में जिला पूर्ति अधिकारी ने पूर्ति निरीक्षकों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी थी। इस पर बीते नौ सितंबर को सभी पूर्ति निरीक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था। डीएसओ वीके महान का कहना है कि नोटिस मनकापुर तहसील के पूर्ति निरीक्षक महेश प्रसाद को दी गई थी। उनकी गैर अनुपस्थिति में 15 सितंबर को कार्यालय में अनुशासनहीनता करते हुए कंप्यूटर कक्ष में ताला लगा दिया। इस रिपोर्ट पर आयुक्त खाद्य एवं रसद ने पूर्ति निरीक्षक महेश प्रसाद को निलंबित कर दिया। अब पेशबंदी की जा रही है। उधर पूर्ति निरीक्षक के पास कई ऐसे पत्र हैं जो इस कार्रवाई को सवालों के घेरे में ला रहे हैं। एसडीएम हीरालाल का कहना है कि पूर्ति निरीक्षक महेश प्रसाद बीते 15 सितंबर को समाधान दिवस में मौजूद थे। उसके बाद शाम पांच बजे तक वह अपने कार्यालय में शासकीय काम निपटा रहे थे। वहीं कुछ पूर्ति निरीक्षकों ने भी ऐसी कोई भी घटना डीएसओ कार्यालय में न होने को लेकर अपर आयुक्त आपूर्ति खाद्य एवं रसद को पत्र लिखा है।

इन सवालों का नहीं है जवाब

-सातों पूर्ति निरीक्षक काम नहीं कर रहे थे, तो लॉकडाउन के दौरान अनाज का वितरण कैसे सुचारू पूर्वक हुआ। सातों पूर्ति निरीक्षकों के कार्यशैली कैसे संदिग्ध हो गई। एकाएक ऐसा क्या हुआ कि सभी के खिलाफ आयुक्त खाद्य एवं रसद को पत्र भेजना पड़ा। ऐसे कई सवालों ने पूर्ति महकमे पर सवाल खड़े कर दिए रहे हैं। इसका जवाब उच्चाधिकारियों के पास नहीं है।

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