जर्जर व किराये के भवनों में चल रहे परिषदीय विद्यालय

बच्चों को नहीं मिल रहीं सुविधाएं संसू, गोंडा : शहरी क्षेत्रों में संचालित बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों के भवनों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। यहां कई स्कूल किराए के भवनों में चल रहे हैं। वहीं, जिनके भवन हैं। वह भी जर्जर हैं। यहां नामांकित छह हजार छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। बिजली, पानी, फर्नीचर आदि भी न

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 08:00 AM (IST)
जर्जर व किराये के भवनों में चल रहे परिषदीय विद्यालय
जर्जर व किराये के भवनों में चल रहे परिषदीय विद्यालय

गोंडा : शहरी क्षेत्रों में संचालित बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों के भवनों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। यहां कई स्कूल किराए के भवनों में चल रहे हैं। वहीं, जिनके भवन हैं। वह भी जर्जर हैं। यहां नामांकित छह हजार छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। बिजली, पानी, फर्नीचर आदि भी नहीं हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग जिले के नगरों में 47 स्कूलों का संचालन करा रहा है। मुख्यालय स्थित शहर में 27, कर्नलगंज व नवाबगंज में पांच-पांच स्कूल हैं। प्राइमरी 5378 व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 782 छात्रों का पंजीकरण है। बात भवन की करें तो मुख्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय जिगरगंज का भवन जर्जर हैं। इसमें बैठाकर पढ़ाई कराना खतरे से खाली नहीं था। ऐसे में अभी हाल ही में छात्रों को जूनियर की बि¨ल्डग में बैठाना शुरू कर दिया गया है। वहीं पर पढ़ाई कराई जाती है। कर्नलगंज के गाड़ी बाजार में एक ही भवन में दो स्कूलों का संचालन हो रहा है। चार कमरों के भवन में प्राइमरी बालक व बालिका स्कूल चल रहा है। यहां रसोई भी नहीं है। शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है। संसाधन विहीन स्कूलों में अभाव ग्रस्त छात्र पढ़ाई करने का विवश है। रानीजोत व लाला लाजपत राय विद्यालय का है। छात्रों को बेहतर माहौल देने में जनप्रतिनिधि से लेकर अफसर तक कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे यहां लगातार छात्र संख्या भी घट रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम ¨सह ने बताया कि बजट की डिमांड की गई है। रुपये मिलें तो भवनों का निर्माण कराया जाए।

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