किताबें नहीं मिलीं तो हाईटेक कर दी क्लास

गोंडा:शिक्षा सत्र 2016 में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा स्कूलों में नवंबर तक किताबों का वितरण नहीं किया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Apr 2017 12:05 AM (IST) Updated:Mon, 24 Apr 2017 12:05 AM (IST)
किताबें नहीं मिलीं तो हाईटेक कर दी क्लास
किताबें नहीं मिलीं तो हाईटेक कर दी क्लास

गोंडा:शिक्षा सत्र 2016 में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा स्कूलों में नवंबर तक किताबों का वितरण नहीं किया जा सका। इसके बाद कर्नलगंज के प्राथमिक विद्यालय धौरहरा के प्रधानाध्यापक रवि प्रताप ¨सह ने अपनी हाईटेक क्लास से मुश्किल को दूर कर दिया। रवि के प्रयास से स्कूल में कंप्यूटर व प्रोजेक्टर तो पहले से ही लगे हैं। आज इसी से बच्चों को कोर्स पढ़ाया जा रहा है।

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पुस्तक वितरण में देरी तो किसी से छिपी नहीं है। पिछले वर्ष भी यह समस्या नवंबर तक बनी रही। इससे विद्यालय में बच्चों को पढ़ाना शिक्षकों के लिए मुश्किल हो गया। हर सत्र में आने वाली इस प्रकार की समस्या से निजात के लिए प्रधानाध्यापक रवि प्रताप ¨सह ने अपने विद्यालय में एक और नया प्रयोग कर डाला। उन्होंने कक्षा एक से पांच तक की सभी किताबों के पन्नों को स्कैन पर कंप्यूटर में सेव कर लिया। अब बच्चे लैपटाप और प्रोजेक्टर के जरिये इसी से पढ़ते हैं। वेतन से दो लाख रुपये खर्च करके विद्यालय में कंप्यूटर, डीवीडी व प्रोजेक्टर लगे हैं। यही नहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के साथ ही एनसीआरटी की किताबों को सेव कर लिया गया है। प्रधानाध्यापक के इस कार्य के बाद यहां पढ़ने वाले 250 छात्रों की सरकार पर से निर्भरता खत्म हो गई है लेकिन बिजली की दिक्कत होने से पढ़ाने में रुकावट आ रही थी। इसे देखते हुए विद्यालय में सोलर पैनल भी लगवा दिया गया। प्रधानाध्यापक रवि प्रताप ¨सह कहते हैं कि हमें पढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया है लेकिन कई बार किताब के अभाव में बच्चे नहीं पढ़ पाते थे। जिसके बाद यह व्यवस्था की गई है। किताब की मारामारी नहीं रहेगी। इससे पढ़ने में बच्चों को भी आनंद आता है। वे असानी से सीख भी जाते हैं।

ऐसे शिक्षक पर हमें गर्व

-बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार ¨सह कहते हैं कि मैं स्कूल गया था। वहां बच्चों की शैक्षिक स्थिति बहुत अच्छी है। परिवेश देखकर बहुत अच्छा लगा। हमें ऐसे अध्यापक पर गर्व है। जिले के दूसरे अध्यापकों को स्कूल में भेजकर उसी प्रकार से कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसे राज्य परियोजना कार्यालय को भी भेजा गया है।

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