इमारती लकड़ी के लिए विदेश के दरवाजे खुले

गोंडा: देवीपाटन मंडल के इमारती पेड़ शीशम, सागौन व साल की गुणवत्ता एफएससी की जांच में सही पाई गई, जिस

By Edited By: Publish:Thu, 02 Jul 2015 11:36 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2015 11:36 PM (IST)
इमारती लकड़ी के लिए विदेश के दरवाजे खुले

गोंडा: देवीपाटन मंडल के इमारती पेड़ शीशम, सागौन व साल की गुणवत्ता एफएससी की जांच में सही पाई गई, जिसके बाद फारेस्ट स्टीवार्डशिप काउंसिल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लकड़ी बेचने का रास्ता साफ कर दिया। इससे वन विभाग की आय बढ़ेगी और अवैध कटान रुकेगी। इस ऑडिट में तेरह जिले के जंगल पास हुए हैं, जिसमें मंडल के चारों जिले शामिल हैं। ऐसी लकड़ी के साथ सीओसी का प्रमाण पत्र रहेगा जो बताएगा कि लकड़ी असली व वैध है।

बीते दिनों पर्यावरण प्रेमी जनों ने जंगल में अवैध कटान रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएससी ने यूपी के जंगलों की रखरखाव व विक्रय की आडिट कराई, जिसमें पाया कि यहां पर जंगल की कटान व सुरक्षा का प्रबंधन ठीक है। यहां पर साल, सागौन व शीशम के लिए रासायनिक का उपयोग नहीं है। वर्किंग प्लान के तहत जंगल में वन निगम कटान करता है और लाट की नीलामी करता है। अवैध कटान की गुंजाइश कम है। जंगल में स्टाफ कम है पूरा किया जाएगा। जंगल प्रबंधन प्रमाण पत्र के लिए सीओसी जारी करने का निर्देश दिया गया है जो उक्त लकड़ी की असलीपन व वैध होने की गारंटी देगा।

ये जिले इमारती लकड़ी के लिए हुए पास

गोंडा : देवीपाटन मंडल में गोंडा में 19786, बहाराइच में 12066, श्रावस्ती में 17187, बलरामपुर सोहेलवा 23049, बहराइच कतर्नियाघाट 13496 हेक्टेयर जंगल हैं। यहां पर साल के पेड़ पाए जाते हैं जिससे पानी का जहाज बनता है। रेलवे का स्लीपर बनता है। वहीं शीशम व सागौन से इमारती सामान बनाये जाते हैं जिनकी मांग बाजारों में है। इनके अलावा गोरखपुर, शिवालिक, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बिजनौर, खीरी उत्तरी व दक्षिणी शामिल हैं। इन जिलों में जंगल का प्रबंधन सही मिला है।

अब तक है व्यवस्था

गोंडा: वर्किंग प्लान के तहत वन विभाग जंगल में पेड़ों की छपान करता है और वन निगम कटान कर लकड़ी की नीलामी करता है। लकड़ी के लिए टीपी ट्रांजिट परमिट जारी की जाती है। इसी के सहारे पर लकड़ी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाती है। अब इस लकड़ी के लिए सीओसी का प्रमाण पत्र जरूरी होगा जो लकड़ी के साथ दिया जाएगा।

साल की अच्छी कीमत मिलेगी

गोंडा : प्रमुख वन संरक्षक आर हेमंत कुमार का कहना है कि साल की लकड़ी प्रमाण पत्र के साथ बाहर जाएगी तो उसकी कीमत प्रदेश से ज्यादा मिलेगी। इससे वन विभाग की आय बढ़ेगी और जंगल में सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। लकड़ी का ट्रेड मार्क सीओसी होगा।

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