अपनों ने ही लगा दिया 50 लाख का चूना

गोंडा : क्रय एजेंसियों की लापरवाही से सरकार को करीब 50 लाख रुपये का चूना लग गया। क्रय एजेंसियों के

By Edited By: Publish:Wed, 01 Apr 2015 11:31 PM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2015 11:31 PM (IST)
अपनों ने ही लगा दिया 50 लाख का चूना

गोंडा : क्रय एजेंसियों की लापरवाही से सरकार को करीब 50 लाख रुपये का चूना लग गया। क्रय एजेंसियों के पास कोई पावती रसीद नहीं मिल पा रही है। इससे मिलर्स से सरकारी चावल नहीं जमा कराया जा सका। शासन से जिम्मेदार क्रय एजेंसियों के प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई, लेकिन इन अधिकारियों पर शासन स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उच्चाधिकारी इन अधिकारियों पर देर सबेर शासन स्तर से कार्रवाई की बात कह रहे हैं।

मंडल के चारों जिलों में समर्थन मूल्य योजना के तहत क्रय एजेंसियों को धान ख चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा करना था। लेकिन राइस मिलर्स ने चावल नहीं जमा नहीं किया। खरीद के लिए नामित किया गया। इनमें पीसीएफ, एसएफसी, यूपी एग्रो, कर्मचारी कल्याण निगम, खाद्य विभाग शामिल थे। इन क्रय एजेंसियों ने लाखों रुपए के धान किसानों से खरीदे और उसे राइस मिलर्स को धान की कुटाई के लिए दे दिया। राइस मिलर्स को धान की कुटाई कर सीएमआर चावल भारतीय खाद्य निगम में नहीं जमा किया गया। वर्ष 2011-12 में यूपीएग्रो व एसएफसी चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा करना था। लेकिन राइस मिलर्स ने चावल नहीं जमा नहीं किया।

तीन राइस मिलर्स से 260 मीट्रिक टन चावल नहीं जमा करा सके। अधिकारियों ने इन सभी मिलर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। वर्ष 2012-13 में खाद्य विभाग, पीसीएफ, यूपीएग्रो व एसएफसी गोंडा के सात राइस मिलर्स ने 183.77 मीट्रिक टन चावल दबा लिया। बहराइच के पीसीएफ, यूपी एग्रो व कर्मचारी कल्याण निगम का चार राइस मिलर्स ने 309.46 मीट्रिक टन दबा लिया। खास बात तो यह रही कि इन क्रय एजेंसियों के पास राइस मिलर्स को दिए गए धान का कोई प्रमाण नहीं मिल रहा है। बावजूद अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से बचने के लिए 11 राइस मिलर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। वर्ष 2013-14 में गोंडा के पीसीएफ व एसएफसी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते 149.12 मीट्रिक टन चावल फंस गया। विभागीय अधिकारियों ने चार राइस मिलर्स के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज करा दिया। बहराइच जिले के कर्मचारी कल्याण निगम की दो राइस मिलर्स ने 109 मीट्रिक टन व श्रावस्ती यूपी एग्रो का एक राइस मिलर्स ने 33.36 मीट्रिक टन चावल दबा दिया। इससे सरकार को करीब 50 लाख रुपये का चूना लग गया। संभागीय खाद्य नियंत्रक हरि नारायण ने बताया कि क्रय एजेंसियों के पास कोई अभिलेख व साक्ष्य नहीं है। क्रय एजेंसियों ने लापरवाही बरती है। राइस मिलर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। कुछ राइस मिलर्स उच्च न्यायालय चले गए। इससे मामला लंबित है। उन्होंने बताया कि क्रय एजेंसियों के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ शासन को कार्रवाई की संस्तुति भेजी जा चुकी है। शासन में पत्रावली लंबित है। देर सबेर इन अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।

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