तीन प्रांतों से श्रमिकों को लेकर आईं स्पेशल ट्रेनें

गाजीपुर जामनगर पटियाला एवं अलवर से सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों को लेकर सोमवार को स्पेशल (श्रमिक) ट्रेन गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन पहुंची। पटियाला एवं अलवर से आने वाले श्रमिकों से टिकट के दाम नहीं लिए गए जबकि जामनगर से आने वाले श्रमिकों से 725 रुपये वसूले गए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 May 2020 06:41 PM (IST) Updated:Tue, 19 May 2020 06:02 AM (IST)
तीन प्रांतों से श्रमिकों को लेकर आईं स्पेशल ट्रेनें
तीन प्रांतों से श्रमिकों को लेकर आईं स्पेशल ट्रेनें

जासं, गाजीपुर : जामनगर, पटियाला एवं अलवर से सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों को लेकर सोमवार को स्पेशल (श्रमिक) ट्रेन गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन पहुंची। पटियाला एवं अलवर से आने वाले श्रमिकों से टिकट के दाम नहीं लिए गए, जबकि जामनगर से आने वाले श्रमिकों से 725 रुपये वसूले गए। ट्रेन से आए मजदूरों को थर्मल स्कैनिग के बाद रोडवेज की बसों से अन्य जिलों को रवाना कर दिया गया। वहीं जिले के मजदूरों का नाम एवं पता नोट कर उनके घरों को भेज कर कर क्वारंटाइन कर दिया गया।

जामनगर से आई ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब दस घंटे विलंब से दूसरे दिन 1284 श्रमिकों को लेकर पहुंची। वहीं पटियाला से आने वाली ट्रेन भी तीन घंटे देरी से करीब 1400 कामगारों को लेकर पहुंची। इसी प्रकार अलवर से आने वाली गाड़ी अपने निर्धारित समय से छह घंटे देरी से लगभग 1200 श्रमिकों को लेकर पहुंची। ट्रेनों से उतरते ही उनको शारीरिक दूरी का पालन करने हुए कतार में खड़ा कर दिया गया। एक-एक कर सभी मजदूरों की थर्मल स्कैनिग कर उनको स्टेशन से बाहर निकाल कर बसों में बैठाया गया। श्रमिकों के मुताबिक उनको रास्ते में भोजन एवं नाश्ता वगैरह दिया गया था।

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स्पेशल ट्रेन में जिले के अलावा करीब अन्य कई जिलों के श्रमिक आए थे। उनकी थर्मल स्कैनिग करने के बाद अन्य जिलों के श्रमिकों को रोडवेज की बसों से भेज दिया गया। वहीं जिले के कामगारों को उनके घरों को भेज कर उनको होम क्वारंटाइन कर दिया गया।

- श्रीप्रकाश गुप्ता, एसडीओ।

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नहीं मिली पीपीई किट

सिटी रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों की जांच कर रहे कर्मचारियों को पीपीई किट (पर्सनल प्रोटेक्शनल इक्वीवपमेंट) नहीं मिला, जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि ऐसे कोराना वारियर्स को जांच के समय पीपीई किट जरूर मुहैय्या कराया जाए। ऐसे में उनको श्रमिकों की जांच करते समय उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

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लोग बोले

पटियाला स्टेशन पर टिकट तो मिला लेकिन इसका दाम नहीं देना पड़ा। साथ ही वहां पर खाना एवं नाश्ता का भी बंदोबस्त किया गया था।

- रामभजन, सोकनी।

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सरकार को यह कदम पहले ही उठा लेना चाहिए था। इस दौरान उनको काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। पहले ही आ गए होते तो बेहतर होता। घनश्याम, सोकनी ।

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रास्ते में उनको नाश्ते एवं भोजन की पूरी व्यवस्था थी। शुरुआत में ही उनको पानी एवं बिस्किट दिया गया था लेकिन जामनगर में टिकट का दाम देना काफी अखर गया।

-शैलेंद्र यादव, मुहम्मदाबाद।

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कोरोना के कारण काम बंद हो गया था। वहां बैठ कर समझ में नहीं आ रहा था। अब संकट समाप्त होने के बाद ही दोबारा वहां जाने के बारे में सोचा जाएगा।

-रघुबरदयाल, जखनियां

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