शोधकार्य के लिए ²ढ़ संकल्पी बनें शोधार्थी : डा. अवनीश

जासं जमानियां (गाजीपुर) स्टेशन बाजार स्थित हिदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पीएचडी कोर्स वर्क में डा. एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी इंदौर के हिदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अवनीश कुमार अस्थाना ने शोध प्रबंध कैसे लिखेंशीर्षक पर ज्ञानवर्धक और उपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शोध के लिए जिद की आवश्यकता होती है। शोधार्थियों को शोधकार्य के लिए ²ढ़-संकल्पी होना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 05:44 PM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 05:44 PM (IST)
शोधकार्य के लिए ²ढ़ संकल्पी बनें शोधार्थी : डा. अवनीश
शोधकार्य के लिए ²ढ़ संकल्पी बनें शोधार्थी : डा. अवनीश

जासं, जमानियां (गाजीपुर) : स्टेशन बाजार स्थित हिदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पीएचडी कोर्स वर्क में डा. एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी इंदौर के हिदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अवनीश कुमार अस्थाना ने 'शोध प्रबंध कैसे लिखें' शीर्षक पर ज्ञानवर्धक और उपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शोध के लिए जिद की आवश्यकता होती है। शोधार्थियों को शोधकार्य के लिए ²ढ़-संकल्पी होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जब इच्छा-शक्ति प्रबल होगी तो मार्ग अपने-आप खुलता चला जाएगा। अच्छे शोध के लिए शोधार्थी को धैर्यपूर्वक पढ़ने के साथ ही विषयानुरूप चितन करना चाहिए। चितनशीलता से ही शोध में मौलिकता और नवीनता का संचार होता है। डा. अस्थाना ने कहा कि शोध प्रबंध विस्तृत नहीं बल्कि सारगर्भित होना चाहिए। राष्ट्रीय सांख्यिकी, कार्यालय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय, भारत सरकार वाराणसी के सांख्यिकी अधिकारी ज्ञानोद कुमार ने अनुसंधान और आंकड़ा-विश्लेषण पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा दर्शाते हुए अनुसंधान के सोपान, अनुसंधान की योजना, उसका क्रियान्वयन, आंकड़ों का संग्रह आदि विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। प्रदीप कुमार सिंह, सूरज कुमार जायसवाल, शोधार्थी सुरेश कुमार प्रजापति, मनोज कुमार सरोज, सौरभ यादव, प्रमोद कुमार यादव आदि थे। अध्यक्षता संस्कृत विभाग की अध्यक्ष डा. विमला देवी ने की। संचालन डा. अरुण कुमार ने किया।

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