ढाई वर्ष बाद भी शस्त्र का नहीं बना लाइसेंस, नहीं मिली नौकरी

जासं गाजीपुर संघ कार्यकर्ता व पत्रकार राजेश मिश्र के हत्यारे को पुलिस- प्रशासन ने सजा देकर इंसाफ तो कर दिया लेकिन सरकार के नुमाइंदों द्वारा पीड़ित परिवार से किए गए वादों को ढाई वर्ष बाद भी नहीं पूरा किया गया। स्थिति यह है कि आज भी सुरक्षा के लिए असलहे का लाइसेंस नहीं बन सका है और न ही पत्नी को सरकारी नौकरी ही मिली। परिवार आज भी इन प्रमुख मांगों के पूर्ण होने की बाट जोह रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Feb 2020 07:07 PM (IST) Updated:Thu, 13 Feb 2020 07:07 PM (IST)
ढाई वर्ष बाद भी शस्त्र का नहीं बना लाइसेंस, नहीं मिली नौकरी
ढाई वर्ष बाद भी शस्त्र का नहीं बना लाइसेंस, नहीं मिली नौकरी

जासं, गाजीपुर : संघ कार्यकर्ता व पत्रकार राजेश मिश्र के हत्यारे को पुलिस- प्रशासन ने सजा देकर इंसाफ तो कर दिया, लेकिन सरकार के नुमाइंदों द्वारा पीड़ित परिवार से किए गए वादों को ढाई वर्ष बाद भी नहीं पूरा किया गया। स्थिति यह है कि आज भी सुरक्षा के लिए असलहे का लाइसेंस नहीं बन सका है और न ही पत्नी को सरकारी नौकरी ही मिली। परिवार आज भी इन प्रमुख मांगों के पूर्ण होने की बाट जोह रहा है।

करंडा थाना क्षेत्र के ब्राहम्णपुरा स्थित बिल्डिग मैटेरियल की दुकान पर 21 अक्टूबर 2017 को बदमाशों ने दिनदहाड़े संघ कार्यकर्ता व पत्रकार राजेश मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जबकि उनके छोटे भाई अमितेश मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वारदात से आक्रोशित ग्रामीणों, समाजसेवियों व पत्रकारों ने जहां ऐसी घटना की निदा की, वहीं गांव से लेकर शहर तक धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया था। लोगों का आक्रोश बढ़ता देख तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्रनाथ पांडेय व प्रभारी मंत्री बृजेश पाठक ने परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया था। साथ ही पत्रकार की पत्नी को सरकार नौकरी, 20 लाख मुआवजा के साथ शस्त्र लाइसेंस जैसी मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकतकर हर संभव मदद के लिए कहा था। यही नहीं, उस समय तैनात जिला स्तरीय अधिकारियों ने भी पूरी सहानुभूति दिखाई थी। तब जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ था। ---

विशाल सिंह चंचल ने मिलवाया था सीेएम से

- राजेश मिश्र की हत्या के बाद एमएलएसी विशाल सिंह चंचल ने न सिर्फ आर्थिक मदद की थी बल्कि अपना अन्य वादा भी पूरा किया था। वह मुख्यमंत्री से पीड़ित परिजनों की मुलाकात भी कराए थे। सीएम ने भी आश्वासन दिया था। तत्कालीन डीएम के बालाजी ने राजेश की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की बात कही थी। शासन के अन्य नुमाइंदों द्वारा किया गया एक भी वादा अब तक पूर्ण नहीं हो सका। -----------

फोटो- 22सी।

- शासन की तरफ से किया गया वादा आज-तक पूर्ण नहीं हो सका। न ही भाई की पत्नी को सरकारी नौकरी मिली व न ही उसके नाम से शस्त्र का लाइसेंस स्वीकृत हुआ है। परिवार आज भी आश्वासन पूर्ण होने की उम्मीद लगाए हुए है। वहीं एसटीएफ पुलिस को बार-बार धन्यवाद देता हूं कि हत्यारे को वास्तविक अंजाम तक पहुंचाने का काम किया।

- बृजेश मिश्रा, राजेश मिश्रा के बड़े भाई।

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