धान ने किया मायूस, बाजरा ने दिया धोखा

By Edited By: Publish:Sun, 21 Sep 2014 07:18 PM (IST) Updated:Sun, 21 Sep 2014 07:18 PM (IST)
धान ने किया मायूस, बाजरा ने दिया धोखा

मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : कम बारिश के कारण क्षेत्र के अधिकतर किसानों ने बाजरा की खेती पर भरोसा जताया। काफी बड़े क्षेत्रफल में बाजरा की बोआई भी की गई। फसल भी खूब लहलहा रही थी कि अचानक तेज हवा के साथ हुई बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बाजरा की फसल हवा के झोकों से गिर पड़े। इससे किसानों को भारी चपत हुई। इधर, औसत से भी कम बारिश ने धान की खेती किए किसानों को ऐसा झटका लगा कि उन्हें संभलने में कई वर्ष लग जाएंगे।

इलाके में बीते शुक्रवार की रात तेज बारिश व हवा ने बाजरे की खेती को चौपट कर दिया। इससे किसानों की कमर टूट गई है। सूखा पड़ने से क्षेत्र के अधिकतर किसान बाजरा की खेती किए थे। बाड़ इलाके की मुख्य खेती बाजरा ही है। गौसपुर के सिवान से लेकर लोहारपुर पलिया गांव तक लगभग दो हजार बीघा बाजरा की खेती की गई है। फसल अच्छी होने से किसान खुश थे। उनको अनुमान था कि पिछले वर्ष बाढ़ से बर्बाद हो चुकी खेती का नुकसान इस फसल से कुछ हद तक पूरा हो जाएगा।

अब बाजरा के पौधों में फूल निकलने शुरू हो गए थे। अचानक इसी बीच तेज हवा के साथ बारिश होने से अधिकतर खेतों में खड़ी फसल गिर गई। शेष बचने वाले पौधों के फूल झड़ गए हैं। इससे पैदावार कम होने की आशंका है। किसान महातिम पटेल ने बताया कि पिछले वर्ष बाढ़ के चलते इस इलाके की खेती बर्बाद हो गई थी। बारिश न होने से बाजरे को लेकर उम्मीद थी। अचानक बारिश ने सब बर्बाद कर दिया।

श्यामनारायण यादव का कहना है कि इस वर्ष सूखा से लोग परेशान हैं। बाजरा की फसल काफी अच्छी थी लेकिन बारिश ने कमर तोड़ दी। रामभजन यादव ने बताया कि बाजरा के पौधे गिरने से पैदावार कम होगी। पशुओं को चारे का भी संकट होगा। कामता यादव ने बताया कि बाजरा की खेती से काफी उम्मीद थी। बारिश ने सपनों पर पानी फेर दिया।

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