पहेली बना मौसम का मिजाज

By Edited By: Publish:Tue, 22 Jul 2014 07:36 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jul 2014 07:36 PM (IST)
पहेली बना मौसम का मिजाज

गाजीपुर : मौसम का मिजाज पहेली बना हुआ है। कहीं बारिश हो रही है तो कुछ ही दूरी पर धूल उड़ रही है। मुहम्मदाबाद व उसके आसपास क्षेत्रों में रोजाना इंद्रदेव मेहरबान हो रहे हैं। वहीं सैदपुर के करीब क्षेत्रों में किसान आसमान पर टकटकी लगाए बारिश का इंतजार कर रहा हैं। मंगलवार को भी ऐसा ही रहा। नगर के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश हुई। इससे जलजमाव होने से आवागमन बाधित हो गया।

पिछले कई दिनों से आसमान पर काले बादलों का डेरा जमा हुआ है। कभी हल्का तो कभी बारिश का जोरदार झटका आ जा रहा है। रोजाना बारिश होने से आमजन को गर्मी एवं उमस से राहत मिल रही है। पीजी कालेज वेधशाला के उपप्रेक्षक मदन गोपाल दत्त ने बताया कि न्यूनतम 26.4 एवं अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बारिश 6.4 मिलीमीटर दर्ज की गई।

मुहम्मदाबाद : नगर सहित ग्रामीण इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश से लोगों ने राहत महसूस की। बारिश का क्रम बना रहने से किसान प्रसन्न दिखे। किसानों का मानना है कि अगर दो दिन तेज बारिश हो गई तो धान की रोपाई का कार्य जोर पकड़ लेगा। बारिश से नगर के विभिन्न सड़कों पर कीचड़ फैल गया। सबसे अधिक समस्या तहसील तिराहा से यूसुफपुर बाजार जाने वाले मोड़ पर है। कीचड़ के चलते लोग उसमें फिसलकर गिर रहे हैं।

टकटकी लगाए आसमान की ओर देख रहे किसान

सैदपुर : सावन में बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं। टकटकी लगाए आकाश की ओर देख रहा है। बादल छा रहे हैं लेकिन तेज हवा के झोंकों के साथ आसमान साफ हो जा रहा है। किसानों की धान की खेती अब भी अधूरी है। बेहन खेतों में दिखाई पड़ रहे हैं। पानी के अभाव में बहुत से किसानों ने धान की रोपाई नहीं की है।

दुल्लहपुर : उड़ते बादलों की तरफ किसानों की निगाहें लगी हुई है। बरसात की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सावन में झूम कर बह रही पुरवा हवा घाघ कवि के इस कहावत को चरितार्थ रही है कि सावन मास बहे पुरवइया बरधा बेच ले धेनु गइया। धान की फसल को लेकर किसान काफी चिंतित हैं। इनके समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। धान के बेहन अब भी खेतों की शोभा बढ़ा रहे हैं। पानी के अभाव में रोपाई नहीं हो पा रही है।

chat bot
आपका साथी