अब त मोबाइल व लैपटाप कजमाना बा
गहमर (गाजीपुर) : शहरी इलाकों में भले ही चुनावी गहमगहमी हो लेकिन ेगांवों में कोई शोर नहीं। कभी-कभी किसी गांव में लग्जरी गाड़ियों का काफिला पहुंचता है तो कुछ देर के लिए हलचल होती है लेकिन फिर सन्नाटा पसर जाता है। ग्रामीण मतदाता भी फिलहाल उदासीन ही बने हुए हैं। बड़े-बुजुर्ग बदले चुनावी माहौल पर जरूर चर्चा करते मिल जाते हैं। ऐसे ही एक वृद्ध ने कहा कि भैया अब कहां ऊ समय रह गईल बा। पहिले चुनाव में छोटको नेता लोग घरे-घरे जाके वोट मांगत रहलन जा। अब तो लैपटाप अउर मोबाइल का अइसन जमाना आ गईल कि केहू के केहू पूछते नइखे। चंट्टी-बाजार स्थित चाय की दुकानों में अवश्य चुनाव की चर्चाएं गर्म हैं। हर कोई अपने-अपने तरीके से प्रत्याशी की जीत व हार तय करने में लगा है।