मानचित्र संशोधन में उलझा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम

राजनगर एक्सटेंशन में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का काम शुरू नहीं हो पा रहा। बार-बार मानचित्र में संशोधन किया जा रहा है। शुक्रवार को जीडीए वीसी कंचन वर्मा से मिलने पहुंचे उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की स्टेडियम कमेटी के संयोजक ने बताया कि संशोधित मानचित्र तैयार करने में अभी एक सप्ताह का वक्त और लगेगा। उन्होंने वीसी से स्टेडियम के सामने की सड़क का निर्माण कराने की गुजारिश की। जीडीए वीसी ने आश्वासन दिया कि सड़क की सीमा जल्द चिह्नित कर दी जाएगी। स्टेडियम का निर्माण शुरू होने से पहले सड़क बनवा दी जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 May 2019 08:43 PM (IST) Updated:Fri, 03 May 2019 08:43 PM (IST)
मानचित्र संशोधन में उलझा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम
मानचित्र संशोधन में उलझा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : राजनगर एक्सटेंशन में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का काम शुरू नहीं हो पा रहा। बार-बार मानचित्र में संशोधन किया जा रहा है। शुक्रवार को जीडीए वीसी कंचन वर्मा से मिलने पहुंचे उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की स्टेडियम कमेटी के संयोजक ने बताया कि संशोधित मानचित्र तैयार करने में अभी एक सप्ताह का वक्त और लगेगा। उन्होंने वीसी से स्टेडियम के सामने की सड़क का निर्माण कराने की गुजारिश की। जीडीए वीसी ने आश्वासन दिया कि सड़क की सीमा जल्द चिह्नित कर दी जाएगी। स्टेडियम का निर्माण शुरू होने से पहले सड़क बनवा दी जाएगी। दो मानचित्र होंगे पास

राजनगर एक्सटेंशन मोरटी गांव में यूपीसीए ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए 33.54 एकड़ भूमि खरीद रखी है। अतिरिक्त तल क्षेत्र (एफएआर) की उलझन को कम करने के लिए स्टेडियम के दो मानचित्र पास कराए जाएंगे। क्रिकेट ग्राउंड का मानचित्र 0.40 एफएआर के हिसाब से बनाया जाएगा। कॉमर्शियल, एकेडमी, होटल और आवास बनाने के लिए अलग मानचित्र प्रस्तुत करेंगे। इस पर ज्यादा एफएआर की मांग की जाएगी। अधिकतम 2.4 एफएआर अनुमन्य होगा। भू-उपयोग बदलने की इजाजत

मास्टर प्लान में स्टेडियम की जमीन का वर्तमान भू-उपयोग कृषि है। यूपीएसए ने मिश्रित भू-उपयोग की मांग की थी। जिससे वहां स्टेडियम के अलावा होटल, रेस्टोरेंट, एकेडमी और अन्य व्यवसायिक गतिविधियां की जा सकें। शासन ने पहले ही भू-उपयोग बदलने की सहमति प्रदाना कर दी थी। शासन भी चाहता है स्टेडियम का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो।

विद्युत निगम को एचटी लाइन शिफ्टिग करने के निर्देश

स्टेडियम के लिए खरीदी गई भूमि के बीच से बिजली की दो हाइटेंशन लाइन (एचटी) जा रही हैं। उनको शिफ्ट करने की मांग यूपीसीए की तरफ से रखी गई थी। शहर हित और निवेश के नजरिए से स्टेडियम को महत्वपूर्ण बताते हुए शासन ने विद्युत निगम को लाइन शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। चुनाव बाद लाइन शिफ्टि का कार्य शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।

स्टेडियम पर एक नजर

- 2015 में स्टेडियम का प्रस्ताव बना

- 33.54 एकड़ भूमि खरीदी

- 450 करोड़ रुपये की आएगी लागत

- 75000 दर्शकों के बैठने की क्षमता (पहले चरण में 50 हजार और दूसरे चरण में 25 हजार)

- 2510 वाहनों के लिए स्टेडियम परिसर में पार्किंग

- 2020 तक स्टेडियम तैयार करने का लक्ष्य

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