गाजियाबाद : दो साल तक भतीजी से दुष्कर्म करने वाले चाचा को मिली उम्र कैद की सजा

दो साल तक भतीजी से दुष्कर्म करने वाले चाचा को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट महेंद्र श्रीवास्तव की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ में उस पर 1.20 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। मामला लिंकरोड थानाक्षेत्र का था।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 06:13 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 06:13 PM (IST)
गाजियाबाद : दो साल तक भतीजी से दुष्कर्म करने वाले चाचा को मिली उम्र कैद की सजा
विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत ने दोषी पर 1.20 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया

गाजियाबाद [विवेक त्यागी]। दो साल तक भतीजी से दुष्कर्म करने वाले चाचा को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट महेंद्र श्रीवास्तव की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ में उस पर 1.20 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। मामला लिंकरोड थानाक्षेत्र का था। चाचा के दुष्कर्म किए जाने के चलते पीड़िता गर्भवती हो गई थी। हालत बिगड़ने पर उसका गर्भपात कराना पड़ा था।

लिंकरोड थानाक्षेत्र का था मामला

विशेष लोक अभियोजतक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि लिंकरोड थानाक्षेत्र में एक युवक परिवार समेत रहता है। 26 अप्रैल 2018 को उसकी नाबालिग बेटी ने पेट में दर्द होने की शिकायत की। इस दौरान उसने बताया कि उसका चाचा उसने साथ बीते दो साल से लगातार दुष्कर्म कर रहा था। स्वजन ने पीड़िता को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया तो उसके चार माह के गर्भवती होने की जानकारी हुई। हालत बिगड़ने पर पीड़िता का गर्भपात कराना पड़ा था। मामले में पीड़िता ने पिता के अपने चचेरे भाई के खिलाफ दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआइआर दर्ज कराई थी।

अप्रैल 2018 में दर्ज हुई थी एफआइआर

इसके बाद पुलिस ने आरोपित चाचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट महेंद्र श्रीवास्तव की अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान बुधवार को विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अभियुक्त पीड़िता का चाचा है। रिश्तों की मर्यादा को ताक पर रखकर वह भतीजी के साथ लंबे समय तक दुष्कर्म करता रहा, जिसके कारण पीड़िता गर्भवती हो गई। अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध अत्यंत घृणित है। अत: उसे अधिकतम दंड से दंडित किया जाएगा। अभियोजन की तरफ से कुल सात गवाह पेश किए गए। सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने दुष्कर्म करने वाले चाचा को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए उपरोक्त जुर्माना लगाया। जुर्माना राशि में से 50 फीसद रकम पीड़िता को दिए जाने के आदेश भी अदालत ने दिए हैं।

अदालत ने की विशेष टिप्पणी

विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट महेंद्र श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते वक्त विशेष टिप्पणी करते हुए कहा कि अभियुक्त ने अमानवीय प्रकृति का अपराध करते हुए सामाजिक मर्यादाओं को खंडित किया है। ऐसे अभियुक्त पर किसी भी प्रकार की दया किया जाना उचित नहीं है।

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