मोदीनगर अग्निकांड मामले में अवैध फैक्ट्री संचालक हिरासत में, पूछताछ जारी

अवैध फैक्ट्री संचालक मुख्य अभियुक्त नितिन चौधरी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। आरोपित से पुलिस पूछताछ कर रही है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 01:14 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 01:14 PM (IST)
मोदीनगर अग्निकांड मामले में अवैध फैक्ट्री संचालक हिरासत में, पूछताछ जारी
मोदीनगर अग्निकांड मामले में अवैध फैक्ट्री संचालक हिरासत में, पूछताछ जारी

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। बखरवा गांव की घनी आबादी में अवैध तरीके से पटाखा फैक्ट्री चलाने वाले आरोपित नितिन के खिलाफ पुलिस ने देर रात हत्या समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली। आरोपित की तलाश में पुलिस की तीन टीमों को लगाया गया था। हालांकि, सोमवार तड़के ही पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।

ज्ञात हो कि रविवार को करीब साढ़े तीन बजे बखरवा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ। हादसे का भयावह रूप देख नितिन ने वहां से निकलने में ही अपनी भलाई समझी और बाइक लेकर वहां से फरार हो गया। आरोपित ने अपना मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया। हालांकि सोमवार तड़के ही पुलिस ने उसे दबिश देकर हिरासत में ले लिया। । 

लंब समय से चल रही थी फैक्ट्री

बता दें कि बखरवा गांव की घनी आबादी स्थित एक मकान में काफी समय से अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। इसमें छोटे और बड़े पटाखों के साथ शादियों में छोड़े जाने वाले बम बनाए जाते थे। इसमें गांव की कई महिलाएं काम करती थीं। ग्रामीणों को बताया गया था कि फैक्ट्री में जन्मदिन की पार्टी में इस्तेमाल होने वाली फुलझड़ी व मोमबत्ती बनाई जाती थी। रविवार को भी फैक्ट्री में करीब 20 महिलाएं व पुरुष काम कर रहे थे।

नितिन ने धन के लालच में करीब पांच साल पहले फैक्ट्री शुरू की थी। मोमबत्ती बनाने के साथ उसने पटाखे बनाना भी शुरू कर दिया। मोदीनगर कोतवाली की मोदीपोन चौकी अंतर्गत चल रही इस फैक्ट्री की भनक पुलिस को कैसे नहीं लग पाई, यह बड़ा सवाल है। हालांकि, मामले में मोदीपोन चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।

मासूम बच्चों की जान से खेल रहा था नितिन

फैक्ट्री संचालक पैसे के लालच में मासूम बच्चों की जान से खेल रहा था। बच्चे मौत के ढेर पर बैठकर विस्फोटक सामग्री से फुलझड़ियां बना रहे थे। एक दिन में बच्चों को 50 से 100 रुपये दिए जाते थे। आरोपित के पास दस से 14 साल के एक दर्जन से ज्यादा बच्चे काम करते थे। बच्चों को यह जानकारी तक नहीं थी कि जिस स्थान पर वह काम कर रहे हैं, उस जगह पर अगर आग की एक चिंगारी लग जाए तो मंजर भयावह हो सकता है। फैक्ट्री मालिक को बच्चों व महिलाओं को काम करने के बदले में कम पैसे देने पड़ते थे। आरोपित एक दर्जन से ज्यादा बच्चों से काम करा रहा था। कई महिलाएं अपने बच्चों के साथ फैक्ट्री में काम करने जाती थीं।

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